कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि वो राज्य के डिप्टी सीएम बने रहेंगे... जैसे पिछली बार बीजेपी ने योगी आदित्यनाथ को विधान परिषद के जरिए सदन में भेजा था, वैसे इस बार मौर्य के साथ पार्टी कर सकती है.. अब ...
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लखनऊ: साल 2017 के विधानसभा चुनाव में प्रदेश अध्यक्ष रहते पार्टी की जीत दिलाने वाले केशव प्रसाद मौर्य जहां एक समय सीएम पद की रेस में सबसे आगे माने जा रहे थे वहीं आज उनके पद को लेकर संशय बरकरार है. पांच साल बाद 2022 में उनके लिए डिप्टी सीएम पद को असमंजस के हालात पैदा हो गए हैं. पार्टी हाईकमान से लेकर संगठन तक डिप्टी सीएम को जिम्मेदारी के लिए मंथन शुरू हो गया है. जल्दी ही इसके बारे में कोई फैसला लिया जा सकता है. हालांकि सिराथू से हार के चलते कई सवाल भी उठने लगे हैं.
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केशव प्रसाद मौर्य के समर्थक और करीबी ऐसा मानने के लिए कतई तैयार नहीं हैं कि BJP केशव प्रसाद के मेहनत को नजर अंदाज करेगी. भाजपाइयों को मानना है कि मौर्य को फिर से डिप्टी सीएम या कोई और महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी जा सकती है. समर्थक मान रहे हैं कि उन्हें फिर से बड़ी जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है.
कौन बनेगा डिप्टी सीएम?
बीजेपी के सामने सवाल नंबर दो यानी की उपमुख्यमंत्री का है कि इस पोजिशन पर कौन होगा, क्योंकि पहले कार्यकाल में उनके डिप्टी रहे केशव प्रसाद मौर्य अपनी सीट सिराथू से हार गए हैं. यूपी में बीजेपी की बड़ी जीत के बीच डिप्टी सीएम का हार जाना जरूर बड़ा झटका रहा. दिलचस्प बात है कि केशव प्रसाद मौर्य के लिए चुनावी कैंपेन में पीएम मोदी, अमित शाह, नितिन गडकरी, जेपी नड्डा के साथ-साथ खुद पल्लवी पटेल की बहन अनुप्रिया पटेल ने प्रचार किया था. बता दें कि अनुप्रिया पटेल की बहन ने ही केशव को हराया था.
पिछड़ी जाति के बड़े चेहरे हैं मौर्य
केशव मौर्य बीजेपी में पिछड़ी जाति के प्रदेश के सबसे बड़े चेहरे हैं. साल 2017 में उनके प्रदेश अध्यक्ष रहने के दौरान ही बीजेी ने 300 से ज्यादा सीटों पर जीत हासिल की थी. इससे पहले 2014 में ही फूलपुर से सांसद का चुनाव केशव ने रिकार्ड मत से जीतकर वहां पहली बार कमल खिलाया था.
मौर्य समेत हारे थे बीजेपी के 11 मंत्री
केशव प्रसाद मौर्य समेत 11 मंत्री हार गए थे. कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि वो राज्य के डिप्टी सीएम बने रहेंगे, जैसे पिछली बार बीजेपी ने योगी आदित्यनाथ को विधान परिषद के जरिए सदन में भेजा था, वैसे इस बार भी केशव मौर्य के साथ पार्टी कर सकती है.हालांकि, सूत्रों के मुताबिक केशव मौर्य को फिर भी विधान परिषद का सदस्य बनाया जा सकता है. वह मंत्री या उपमुख्यमंत्री बन सकते हैं. उन्हें छह महीने के अंदर ही विधानसभा या विधान परिषद की सदस्यता हासिल करनी होगी, लेकिन अभी पार्टी ने ये स्पष्ट नहीं किया है कि वो डिप्टी सीएम बने रहेंगे या नहीं. माना जा रहा है कि केशव अभी विधान परिषद सदस्य हैं. ऐसे में केशव को योगी सरकार में जगह मिलेगी या उन्हें बीजेपी की राष्ट्रीय टीम में जिम्मेदारी दी जाएगी, इसका फैसला पार्टी का शीर्ष नेतृत्व करेगा.
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