Winter Session 2021: संसद के शीतकालीन सत्र को लेकर मायावती ने दी केंद्र को सलाह, कहा-अपने 'वादों' को नहीं भूले सरकार
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Winter Session 2021: संसद के शीतकालीन सत्र को लेकर मायावती ने दी केंद्र को सलाह, कहा-अपने 'वादों' को नहीं भूले सरकार

Winter Session 2021: कल 27 नवंबर को संविधान दिवस था. इस मौके पर बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने केंद्र और राज्य सरकार पर जमकर तंज कसा था. उन्होंने कहा था कि देश में संविधान का पालन नहीं हो रहा है और ऐसी सरकारों को अधिकार नहीं है कि संविधान दिवस मनाए. 

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लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती (Mayawati) ने रविवार को ट्वीट कर केंद्र सरकार को बड़ी सलाह दी है. सोमवार से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र को लेकर उम्मीद जताई है कि सरकार संविधान दिवस पर जनता से किए गए वादों को नहीं भूलेगी और किसानों के सभी मुद्दों पर विचार करेगी. जबकि कल संविधान दिवस के मौके पर मायावती ने कहा था कि देश में मोदी सरकार के राज में संविधान का पालन नहीं हो रहा.

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मायावती ने ट्वीट करते हुए कहा-1. संसद का शीतकालीन सत्र कल से प्रारंभ हो रहा है। इस दौरान तीन दिन पूर्व ’संविधान दिवस’ पर जनता से किए गए अपने वादों को सरकार भूलेगी नहीं बल्कि उन्हें सही ढंग से निभाएगी भी, ऐसी देश को आशा। किसानों के सभी मुद्दों के प्रति भी सरकार का रूख क्या होता है, इस पर भी सबकी नजर रहेगी।”

बीएसपी के सभी सांसदों को भी निर्देशित किया गया है कि वे देश व जनहित के अहम मुद्दों को नियमों के तहत ही पूरी तैयारी के साथ सदन के दोनों सदनों में जरूर उठाएं। सरकार भी अपनी ओर से सदन को पूरे विश्वास में लेकर ही काम करे तो यह बेहतर होगा।

साथ ही, कृषि कानूनों जैसे व्यापक जनहित के मुद्दों पर कानून बनाते समय उसके असर का आकलन नहीं करना एक अहम सवाल बना गया है जिसकी ओर न्यायपालिका बार-बार इंगित कर रही है। इसपर भी केन्द्र को जरूर ध्यान देना चाहिए ताकि नए कानून के मुद्दों पर देश को आगे अनावश्यक टकराव से बचाया जा सके।

बीएसपी चीफ ने संविधान दिवस पर कही थी ये बात
कल 27 नवंबर को संविधान दिवस था. इस मौके पर बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने केंद्र और राज्य सरकार पर जमकर तंज कसा था. उन्होंने कहा था कि देश में संविधान का पालन नहीं हो रहा है और ऐसी सरकारों को अधिकार नहीं है कि संविधान दिवस मनाए. 

मायावती ने शनिवार को कहा था कि दलित और आदिवासी समाज आज भी वंचित है. इसलिए बीएसपी ने संविधान दिवस के कार्यक्रमों में हिस्सा नहीं लेने का फैसला किया था. बीएसपी चीफ ने कहा था कि ज्यादतर विभागों में एससी एसटी, ओबीसी वर्गों के लिए आरक्षण का कोटा अधूरा है. इनके लिए निजी क्षेत्र में रिजर्वेशन की व्यवस्था नहीं की गई है. केंद्र और राज्य सरकारें कानून बनाने के लिए राजी नहीं हैं. मायावती ने कहा था कि आज किसान आंदोलन को भी एक साल पूरा हो गया. केंद्र ने तीन कृषि कानूनों को तो वापस ले लिया जो कि ठीक ही है. अब बाकी की मांगों को भी मान लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि भीमराव अंबेडकर ने संविधान में देश के कमजोर और उपेक्षित तबके के लिए आरक्षण का प्रावधान किया गया है. खासकर एजुकेशन और गर्वमेंट नौकरियों के क्षेत्र में. लेकिन इसका पूरा फायदा इन लोगों को नहीं मिल पा रहा है. बसपा इसको लेकर काफी दुखी है.

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