गंगा एक्सप्रेसवे मेरठ से शुरू होकर हापुड़, बुलंदशहर, अमरोह, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ होते हुए प्रयागराज में समाप्त होगा. इस तरह गंगा एक्सप्रेसवे के जरिए यूपी का पश्चिमी हिस्सा पूर्वी हिस्से से जुड़ जाएगा.
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लखनऊ: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 18 दिसंबर को शाहजहांपुर में मेरठ से प्रयागराज तक प्रस्तावित 594 किलोमीटर लंबे गंगा एक्सप्रेसवे का शिलान्यास किया. करीब 36000 करोड़ की अनुमानित लागत वाला यह एक्सप्रेसवे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की महत्वकांक्षी परियोजनाओं में से एक है. गंगा एक्सप्रेसवे मेरठ से शुरू होकर हापुड़, बुलंदशहर, अमरोह, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ होते हुए प्रयागराज में समाप्त होगा. इस तरह गंगा एक्सप्रेसवे के जरिए यूपी का पश्चिमी हिस्सा पूर्वी हिस्से से जुड़ जाएगा. यह एक्सप्रेसवे यूपी के 12 जिलों को आपस में जोड़ने का काम करेगा.
गंगा एक्सप्रेसवे को लेकर उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. इस बार सपा मुखिया अखिलेश ने नहीं बल्कि बसपा सुप्रीमो मायावती ने योगी सरकार के एक और विकास कार्य को अपना बताया है. मायवाती ने ट्वीट किया, "बीएसपी सरकार नोएडा से बलिया तक 8-लेन के गंगा एक्सप्रेसवे के जरिए दिल्ली को पूर्वांचल से सीधे जोड़कर बाढ़ के साथ-साथ क्षेत्र की गरीबी, पलायन और बेरोजगारी आदि की समस्या को दूर करने का प्रयास कर रही थी, लेकिन तब कांग्रेस, बीजेपी और एसपी इन सभी ने इसमें अड़ंगा लगाया और विरोध भी किया."
1. बीएसपी सरकार नोएडा से बलिया तक 8-लेन के गंगा एक्सप्रेस-वे के जरिए दिल्ली को पूर्वांचल से सीेधे जोड़कर बाढ़ के साथ-साथ क्षेत्र की गरीबी, पलायन व बेरोजगारी आदि की समस्या को दूर करने का प्रयास कर रही थी, लेकिन तब कांग्रेस, भाजपा व सपा इन सभी ने इसमें अड़ंगा लगाया व विरोध भी किया।
— Mayawati (@Mayawati) December 18, 2021
अगले ट्वीट में बीएसपी सुप्रीमो ने कहा, "इसके बाद यूपी में एसपी और अब बीजेपी की डबल इंजन की सरकार के भी 5 वर्ष अर्थात् कुल 10 वर्ष बीतने के बाद अब विधानसभा चुनाव के नजदीक गंगा एक्सप्रेसवे को टुकड़ों में बांटकर इसका शिलान्यास हुआ है. ऐसी स्वार्थी राजनीति से जनता को कब तक छला जाएगा? चुनाव में जन सावधनी जरूरी." मायावती गंगा एक्सप्रेसवे को अपनी सरकार के कार्यकाल का प्रोजेक्ट बतातीं उससे पहले अखिलेश यादव ने उन्हें इसका क्रेडिट दे दिया था.
2. इसके बाद यूपी में सपा व अब भाजपा की डबल इंजन की सरकार के भी 5 वर्ष अर्थात् कुल 10 वर्ष बीतने के बाद अब विधान सभा आम चुनाव के नजदीक गंगा एक्सप्रेस-वे को टुकड़ों में बांटकर इसका शिलान्यास हुआ है। ऐसी स्वार्थी राजनीति से जनता को कब तक छला जाएगा? चुनाव में जन सावधनी जरूरी।
— Mayawati (@Mayawati) December 18, 2021
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अखिलेश यादव से जब गंगा एक्सप्रेसवे के शिलान्यास को लेकर कुछ दिन पहले पत्रकारों ने सवाल किया तो उन्होंने कहा था, ''भारतीय जनता पार्टी को दूसरी सरकारों के काम के उद्घाटन और शिलान्यास का शौक है. पूर्वांचल एक्सप्रेसवे तो हमारा काम था, इसी तरह काशी विश्वनाथ धाम के नव्य रूप का काम हमने शुरू किया था. शाहजहांपुर में शनिवार को जिस गंगा एक्सप्रेसवे का शिलान्यास करेंगे, वह तो मायावती जी का प्रोजेक्ट था. एक बार मायावती जी ने सपना देखा था कि मेरठ से प्रयागराज तक गंगा एकसप्रेसवे बने.''
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