Holi 2023: बरसाने की होली में हुरियारों पर बरसेंगी लाठियां, राधा कृष्ण के प्रेम में सराबोर होंगे ब्रजवासी
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Holi 2023: बरसाने की होली में हुरियारों पर बरसेंगी लाठियां, राधा कृष्ण के प्रेम में सराबोर होंगे ब्रजवासी

Mathura ki Lathmar Holi: मथुरा की विश्वप्रसिद्ध होली की शुरुआत हो चुकी है, आपको बता दें हर दिन अलग-अलग तरह से होली खेली जाती है. मंगलवार को बरसाना में लट्ठमार होली खेली जाएगी. आपके बता दें दुनियाभर से लोग इस देखने आते हैं.

Holi 2023: बरसाने की होली में हुरियारों पर बरसेंगी लाठियां, राधा कृष्ण के प्रेम में सराबोर होंगे ब्रजवासी

कन्हैया लाल शर्मा/मथुरा: उत्तर प्रदेश में मथुरा की होली विश्वभर में प्रसिद्ध है. यहां लाखों की संख्या में लोग हर साल होली का त्यौहार मनाने आते हैं, आखिर यहां होली खेली ही ऐसे अंदाज में जाती है कि कोई भी खिचा चला आए. मंगलवार को राधा रानी की नगरी बरसाना में लट्ठमार होली खेली जाएगी. ऐसा माना जाता है कृष्णजी यहां राधा से होली पर मिलने आए थे और यहां के लोगों ने उन्हें लट्ठ से मारकर होली खेली थी. 

आदमियों पर लट्ठ बरसाकर खेली जाती है होली
होली का त्यौहार जिस तरह से मथुरा में मनाया जाता है वैसा पूरी दुनिया में कहीं नहीं मनाया जाता है. बता दें कि हर जगह होली सिर्फ एक दिन मनाई जाती है लेकिन मथुरा में होली पूरे हफ्ते मनाई जाती है. हर दिन यहां अलग-अलग तरह से होली खेली जाती है. इस त्यौहार का आनंद लेने के लिए भारी संख्या में पर्यटक भी यहां आते हैं. इसी क्रम में मंगलवार को बरसाना में लट्ठमारा होली का आयोजन होगा. इसमें महिलाएं आदमियों को बांस के मोटे लट्ठ से मारकर होली खेलती है. वहीं, आदमी एक ढ़ाल लेकर अपना बचाव करते दिखाई देते हैं.

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राधा कृष्ण के प्रेम को जीवंत करती है लट्ठमार होली
ऐसा मान्यता है द्वापर में राधा रानी के निमंत्रण पर कृष्ण अपने सखाओं (दोस्तों) के साथ होली खेलने पहुंचते हैं. सबसे पहले हुरियारे बरसाना पीली पोखर पहुंचते हैं. यहां नंदगांव के हुरियारों का भांग और ठंडाई से स्वागत किया जाता है. यहां सभी हुरियारे हुरियारिनों के लट्ठ से बचने के लिए अपनी ढ़ाल तैयार करते हैं. इसके बाद हुरियारे श्री जी मंदिर पहुंचकर  राधा रानी के दर्शन करते हैं, यहां हुरियारों पर गुलाल व टेसू के फूलों का रंग डाला जाता है. इसके बाद सभी रंगीली गली पहुंचते हैं और यहीं हंसी ठिठोली के साथ शुरू होती है लट्ठ मार होली. ऐसा कहा जाता है देवलोक से देवता भी इसका आनंद लेते है. यह होली सूर्यास्त होने तक चलती है. परंपरा के अनुसार 1 मार्च को दोबारा लट्ठमार होली खेली जाएगी, लेकिन इस बार यह होली नंदगांव में खेली जाएगी.

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