सीएम ने बिना नाम लिए मुख्तार अंसारी पर निशाना साधते हुए कहा कि एक दुर्दांत माफिया जो गाजीपुर से जुड़ा हुआ है. सपा-बसपा जिसकी भी सत्ता होती थी. फेवीकोल की तरह चिपक जाता था.
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आलोक त्रिपाठी/गाजीपुर: उत्तर प्रदेश में यूपी विधानसभा चुनाव चल रहे हैं. छह चरणों के चुनाव हो चुके हैं. जबकि एक चरण का चुनाव अभी बाकी है. इसी बीच गुरुवार को सीएम योगी आदित्यनाथ गाजीपुर के चुनावी दौरे पर पहुंचे. यहां जमानियां विधानसभा के गहमर में उन्होंने प्रत्याशी सुनीता सिंह के लिए जनसभा की. इस दौरान उन्होंने विपक्षियों पर जमकर निशाना साधा.
बिना नाम लिए मुख्तार अंसारी पर साधा निशाना
सीएम योगी आदित्यनाथ ने जनता को संबोधित करते हुए कहा, मैं गाजीपुर के बारे में सोचता हूं. उन सरकारों में याद करिए क्या स्थिति थी. उन्हें नौजवानों की चिंता नहीं थी. महिलाओं की सुरक्षा नहीं थी. उन्हें माफिया और अपराधियों के प्रति संवेदना थी. सीएम ने बिना नाम लिए मुख्तार अंसारी पर निशाना साधते हुए कहा कि एक दुर्दांत माफिया जो गाजीपुर से जुड़ा हुआ है. सपा-बसपा जिसकी भी सत्ता होती थी. फेवीकोल की तरह चिपक जाता था. आपको मऊ में देखा था कैसे रामलीला आयोजन को लेकर विवाद खड़ा किया गया था. वह माफिया खुली जीप में तमंचा लहरा रहा था.
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"व्हीलचेयर पर गिड़गिड़ा रहा है माफिया"
सीएम ने आगे कहा, उसने व्यापारियों की दुकानों और घरों को जलाते हुए पूरे मऊ को दंगे की आग में झोंक दिया था. उस समय समाजवादी पार्टी की सरकार इस माफिया के साथ थी और कीड़े की तरह उसके सामने रेंग रही थी. आज जब आपने भाजपा को अवसर दिया तो आज वही माफिया सरकार के सामने कीड़े की तरह रेंगता नजर आ रहा है. जो माफिया कभी खुली जीप में सरकार को चुनौती देता था, आज व्हीलचेयर पर गिड़गिड़ा रहा है. हमारा बुलडोजर बोलता नहीं है लेकिन माफियाओं की बोलती बंद कर देता है.
उस समय की समाजवादी पार्टी की सरकार उस माफिया के सामने कीड़े की तरह रेंग रही थी...
...आज वही माफिया सरकार के सामने कीड़े की तरह रेंगता हुआ दिखाई देता है। pic.twitter.com/j9jEPpdozU
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) March 3, 2022
"सपा-बसपा की संवेदना अपराधियों-आंतकवादियों के लिए थी"
सीएम योगी ने विपक्षियों पर निशाना साधते हुए कहा गहमर देश को सबसे ज्यादा सैनिक देने वाला गांव है. 2017 के पहले बिजली किस तरह की मिलती थी सबको पता है. पिछली सरकरो में केवल ईद और मुहर्रम में बिजली आती थी. होली और दिवाली में बिजली चली जाती थी. सपा-बसपा की सहानुभूति और संवेदना किसान महिला और नौजवानों के लिए नहीं था, बल्कि अपराधी और माफियाओं के लिए थी. आतंकवादियों के लिए थी.
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