महिलाओं के शरीर में होने वाले ये लक्षण हो सकते हैं सर्वाइकल कैंसर, जानें उपाय
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महिलाओं के शरीर में होने वाले ये लक्षण हो सकते हैं सर्वाइकल कैंसर, जानें उपाय

डॉक्टरों के मुताबिक सर्वाइकल कैंसर हाई रिस्क ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (एचपीवी) की वजह से होता है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि इसके लक्षणों के बारे में भी जानकारी होनी चाहिए. 

महिलाओं के शरीर में होने वाले ये लक्षण हो सकते हैं सर्वाइकल कैंसर, जानें उपाय

नितिन श्रीवास्तव/बाराबंकी:  देशभर में ब्रेस्ट कैंसर के बाद महिलाओं में दूसरे स्थान पर सर्वाइकल कैंसर के मामले सबसे ज्यादा आते हैं. हालांकि सही समय पर लक्षणों की पहचान करके इस कैंसर से आसनी से बचाव किया जा सकता है. सरकार भी लगातार इस रोग के प्रति महिलाओं में जागरुकता लाने के लिए तमाम प्रयास कर रही है.

डॉक्टरों के मुताबिक सर्वाइकल कैंसर हाई रिस्क ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (एचपीवी) की वजह से होता है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि इसके लक्षणों के बारे में भी जानकारी होनी चाहिए. वहीं इस कैंसर से बचने के लिए लगाई जाने वाली वैक्सीन के प्रति लोगों को जागरूक करने की जरूरत है. इसी जागरुकता को लेकर आज बाराबंकी में प्रोग्रेसिव फाउंडेशन संस्था के द्वारा सर्वाइकल कैंसर की स्क्रीनिंग के लिए कैम्प लगाया गया, जिसमें महिलाओं की स्क्रीनिंग के साथ ही उन्हें इस बीमारी के प्रति जागरुक भी किया गया.

सर्वाइकल कैंसर के लक्षण 
प्रोग्रेसिव फाउंडेशन संस्था के द्वारा यह कैम्प बाराबंकी जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र फतेहपुर में लगाया गया, जिसमें महिलाओं की जांच की गई और उनको बताया गया कि सबसे जरूरी है कि वह अपनी सेहत का ध्यान रखें. अगर उनको पाचन क्रिया में बदलाव नजर आ रहा है, काला मल आ रहा है, पीरियड्स के अलावा ब्लड आ रहा है, संबंध बनाते समय ब्लीडिंग हो रही है, बिना वजह वजन कम हो रहा है, पेशाब में रूकावट महसूस हो रही है, बदबूदार सफेद पानी आ रहा है तो यह सभी सर्वाइकल कैंसर के शुरुआती लक्षण हो सकते हैं. इस स्थिति में तुरंत डॉक्टरों की सलाह लेनी चाहिए।

महिलाओं को दी गई यह सलाह 
संस्था द्वारा लगाए गए इस कैम्प में कई महिलाओं ने अपनी स्क्रीनिंग कराई, जिसमें से एक महिला में सर्वाइकल कैंसर के शुरुआती लक्षण मिला. डॉक्टरों ने उस महिला को आगे की जांच कराने की सलाह दी है. अब प्रोग्रेसिव फाउंडेशन संस्था इस महिला की आगे की जांच कराएगी, जिससे यह पता चल सके कि उसमें मिले लक्षण सर्वाइकल कैंसर के हैं या नहीं. वहीं, महिलाओं ने बताया कि उन्होंने कैंप में जांच कराई है और डाक्टरों ने जो सलाह दी है वह उसका पालन करेंगी.

शुरुआती स्टेज में आसान से हो सकता है इलाज 
इस मौके पर कैंप में महिलाओं की जांच कर रही गायनोकॉलोजिस्ट डा. शिखा और डा. शबाना बानो ने बताया कि महिलाओं को इसे लेकर जगरूक होना होगा. इस बीमारी का इलाज है, इसके लिए सरकार की और से कई कैंप का भी आयोजन किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि बीमारी को समय रहते सिर्फ जांच कर दूर किया जा सकता है. उन्होंने बताया कि महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर को लेकर जागरूकता की काफी कमी है. अगर महिलाओं में इस कैंसर के लक्षण दिखते भी हैं, तो वे इसे  सामान्य इन्फेक्शन समझकर दवा लेती रहती हैं। जब स्थिति गंभीर हो जाती है तो अस्पताल आती हैं, लेकिन ऐसा नहीं करना चाहिए. अगर सर्वाइकल कैंसर से संबंधित कोई भी लक्षण दिख रहे हैं तो तुरंत जांच करानी चाहिए. समय पर टेस्ट कराने से शुरुआती स्टेज में ही इलाज आसानी से किया जा सकता है.

सर्वाइकल कैंसर के बचाव 
वहीं, प्रोग्रेसिव फाउंडेशन की डॉ कंचन यादव ने बताया कि आज भी हर आठ मिनट में एक महिला की मौत सिर्फ सर्वाइकल कैंसर से होती है. इसलिए महिलाओं को जांच कराते रहना चाहिए. इस कैम्प का लक्ष्य ही इस बीमारी से निजात दिलाना है. जगरूकता बढ़ानी है. डॉ कंचन का कहना है कि सर्वाइकल कैंसर से बचने के लिए वैक्सीन भी उपलब्ध है. 9 से 18 साल की लड़कियां इस कैंसर से बचाव के लिए एचपीवी वैक्सीन लगवा सकती है. 30 साल की की उम्र के बाद नियमित रूप से साल में एक बार पैप स्मीयर जांच जरूर करवा लें. महिलाएं नियमित रूप से अपनी जांच कराएं और लड़कियां समय पर एचपीवी वैक्सीन लगवा लें तो, इस कैंसर से आसानी से बचाव किया जा सकता है.

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