UP Bypolls: क्या बीजेपी भेद पाएगी आजम खां का आखिरी किला? पत्नी, बेटा या बहू लड़ सकते हैं चुनाव
Advertisement

UP Bypolls: क्या बीजेपी भेद पाएगी आजम खां का आखिरी किला? पत्नी, बेटा या बहू लड़ सकते हैं चुनाव

UP Bypolls 2023 : आजम खान के सियासी साम्राज्य के अंतिम किले स्वार में उपचुनाव की तारीखों की घोषण हो गई है. इसके साथ ही इस बात के कयास लगाए जा रहे हैं कि आखिर आजम खान के परिवार की राजनीतिक विरासत कौन संभालेगा.

Azam Khan (फाइल फोटो)

रामपुर:  उत्तर प्रदेश के कद्दावर नेता और पूर्व मंत्री आजम खान की विरासत कौन संभालेगा. इस बात से जल्द ही पर्दा उठ सकता है. उत्तर प्रदेश की 2 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की घोषणा हो चुकी है. रामपुर की स्वार विधानसभा और मिर्जापुर की छानबे विधानसभा सीट पर 10 मई को चुनाव होना है. 13 मई को मतगणना होगी. इन दोनों विधानसभा सीटों में सबसे चर्चित मसला रामपुर जिले की स्वार विधानसभा सीट का है. यहां आजम खां के बेटे अब्दुल्ला आजम को अयोग्य करार दिया गया. उसके बाद ही यह सीट खाली हुई थी. आजम का रामपुर सदर और स्वार सीट पर अच्छा खासा दबदबा रहा है. ऐसे में कयास इस बात के लग रहे हैं कि आखिर स्वार सीट से आजम खान के परिवार से कौन चुनावी मैदान में होगा.

ऐसे बढ़ती गई मुश्किलें
पूर्व कैबिनेट मंत्री और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव आजम खान को हेट स्पीच मामले में तीन साल की सजा हुई थी. 27 अक्टूबर 2022 को यह सजा रामपुर की MP/MLA कोर्ट ने सुनाई थी. कोर्ट ने उन पर 25 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया था. 25 हजार के निजी मुचलके पर जमानत दे दी गई थी. हालांकि उसी के बाद तीन साल की सजा होने की वजह से तीन साल की सजा होने के कारण उनकी विधानसभा सदस्यता रद्द कर दी गई थी. साथ ही उनका वोट डालने का अधिकार भी समाप्त कर दिया गया था. इसके बाद से आजम अब न तो चुनाव लड़के सकते हैं और न ही वोट डाल सकते हैं.

 यह भी पढ़ें: IPS राज कुमार विश्वकर्मा 1988 बने UP के कार्यवाहक DGP, ये रही सलेक्शन की बड़ी वजह

बेटे अब्दुल्ला आजम की भी गई सदस्यता
सपा नेता आजम खान के बाद उनके बेटे अब्दुल्ला आजम की भी विधानसभा सदस्यता रद्द की जा चुकी है. उन्हें फरवरी 2023 में मुरादाबाद की MP/MLA कोर्ट ने 15 साल पुराने मामले में दो साल की सजा सुनाई थी. दरअसल, 2 जनवरी, 2008 को पूर्व मंत्री और रामपुर के पूर्व विधायक आजम खान अपने परिवार के साथ मुजफ्फरनगर में एक कार्यक्रम में शामिल होने जा रहे थे. छजलैट थाने के सामने वाहन चेकिंग के दौरान आजम खान की गाड़ी पुलिस ने रुकवा ली थी.

इसके विरोध में आजम और उनके बेटे स्वार-टांडा विधानसभा सीट से विधायक अब्दुल्ला सड़क पर धरने पर बैठ गए थे. आरोप है कि सड़क जाम करते हुए बवाल किया गया था और सरकारी कार्य में बाधा उत्पन्न की थी. इन्हीं आरोपों पर उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था, जिसके फैसले के बाद उनकी सदस्यता रद कर दी गई. छह माह में स्वार में चुनाव कराने की घोषणा की गई थी.

परिवार से ही किसी को चुनावी मैदान में उतारने की तैयारी
आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम को चुनाव लड़ने से अयोग्य ठहराए जाने पर अब आजम खेमे से उपचुनाव को लेकर सबसे बड़ा चिंतन यही चल रहा है कि स्वार सीट के लिए प्रत्याशी कौन होगा. इस सीट से आजम खान हमेशा अपने परिवार से ही उम्मीदवार उतारते रहे हैं, लेकिन अब उनके परिवार में उम्मीदवारी के लिए सिर्फ उनकी पत्नी डॉ. ताजीन फातिमा और उनका बड़ा बेटा अदीब आजम ही हैं. हालांकि एक नाम उनकी बड़ी बहू सिदरा अदीब का भी आता है.

वह भी आजम के साथ सियासी मंच पर कई बार दिखाई दी हैं. अखिलेश यादव के साथ भी उनकी तस्वीरें सामने आई हैं. हालांकि आज की पत्नी फातिमा बीमार रहती हैं और आने जाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. सेहत उनकी सियासी सक्रियता के पीछे बड़ी चुनौती खड़ी कर रही है. वैसे बड़े बड़े बेटे अदीब आजम राजनीतिक मंचों पर आजम खान के साथ दिखाई देते हैं.

पिछले चुनाव में आजम खान के जेल में रहने के दौरान बड़े बेटे अदीब आजम की पत्नी सिदरा और अदीब के चुनाव लड़ने की चर्चा ने जोर पकड़ा था, लेकिन वे चुनावी मैदान में उतरे नहीं थे.चूंकि अब आजम और अब्दुल्ला दोनों ही चुनाव लड़ने में अयोग्य हैं तो इस बात की संभावना बढ़ गई है कि अदीब या सिदरा को सियासी मैदान में उतारा जाए. आजम परिवार की कोशिश होगी कि कम से कम एक सीट तो विधायकी की बनी रहे.

वेट वॉच की स्थिति में बीजेपी 
स्वार सीट में होने वाला उपचुनाव बीजेपी के लिए भी काफी अहम है. पिछले 27 साल से स्वार सीट पर पार्टी को हार का सामना करना पड़ रहा है.पार्टी चाहेगी कि इस सीट पर जीत हासिल करते ही वह आजम के पूरे सियासी सल्तनत को खत्म कर देगी. शहर सीट पर आजम खान खेमे को मात देने वाले आकाश सक्सेना भी यहां काफी सक्रिय हैं. उनके पिता पूर्व मंत्री भाजपा नेता शिव बहादुर सक्सेना को लेकर भी कयास लगाए जा रहे हैं, लेकिन भाजपा में अंदरूनी खेमेबंदी के चलते किसी दूसरे उम्मीदवार को भी उतारा जा सकता है. भाजपा के कई चेहरे पिछले काफी सालों से सक्रिय राजनीति में हैं और वेटिंग लिस्ट में ऊपर हैं.

Watch: अज्ञात शख्स ने आजम खान के घर में फेंकी संदिग्ध पोटली, साजिश या फिर कोई जादू-टोने का मामला

Trending news