Ayodhya: अस्थाई मंदिर में आखिरी बसंत पंचमी! रामलला को भोग और पीले वस्त्र पहना धूमधाम से मना उत्सव
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Ayodhya: अस्थाई मंदिर में आखिरी बसंत पंचमी! रामलला को भोग और पीले वस्त्र पहना धूमधाम से मना उत्सव

Ayodhya News:  अयोध्या के मंदिरों में बसंत पंचमी बड़े ही धूमधाम से मनाया गया. इस दौरान भगवान श्री रामलला को पीले नए वस्त्र पहनाए गए और खीर पूड़ी, पापड़, का भोग भी लगाया गया. 

Ayodhya: अस्थाई मंदिर में आखिरी बसंत पंचमी! रामलला को भोग और पीले वस्त्र पहना धूमधाम से मना उत्सव

सत्यप्रकाश/अयोध्या: देश के गृहमंत्री अमित शाह के द्वारा दिये गए बयान के बाद अब राम मंदिर (Ram Mandir) में भगवान श्री रामलला के विराजमान कराए जाने को लेकर श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय ने बड़ी जानकारी दी है. उनके मुताबिक 1 जनवरी से रामलला को मूल गर्भगृह में विराजमान कराए जाने के लिए प्राण प्रतिष्ठा का अवसर देश को मिल जाएगा. वहीं बसंत पंचमी से रामलला के अस्थाई मंदिर में मनाए जाने वाला उत्सव अंतिम उत्सव होगा.

धूमधाम से मनाया गया बसंत पंचमी का उत्सव
अयोध्या के मंदिरों में बसंत पंचमी बड़े ही धूमधाम से मनाया गया. इस दौरान भगवान श्री रामलला को पीले नए वस्त्र पहनाए गए और खीर पूड़ी, पापड़, का भोग भी लगाया गया. रामलला के मुख्य पुजारी की माने तो यह अंतिम अवसर होगा, जब 495 वर्ष के बाद अस्थाई मंदिर में बसंत पंचमी से होली, रामनवमी, झूलनोत्सव और दीपावली जैसे भव्य आयोजन किए जाएंगे. अगले वर्ष आयोजन भव्यता के साथ दिव्य मंदिर में मनाया जाएगा. 

करीब 60 फीसदी पूरा हुआ राम मंदिर निर्माण कार्य
अयोध्या में भगवान श्री राम के भक्त मंदिर निर्माण का कार्य प्रगति पर है. मंदिर के भूतल निर्माण के लिए गर्भगृह सहित रंग मंडप, नृत्य मंडप, गुड मंडप और गर्मगृह के उत्तर और दक्षिण दिशा में कीर्तन मंडप बनाये जाने का कार्य चल रहा है. इसका लगभग 60% कार्य पूरा हो चुका है, अगले वर्ष मकर संक्रांति पर भगवान श्री रामलला अपने मूल गर्भ गृह में विराजमान हो जाएंगे. 

आचार्य सत्येंद्र दास ने बताया कि अगली मकर संक्रांति के बाद भगवान राम लला अपने भव्य दिव्य मंदिर में विराजमान हो जाएंगे. जितने भी समस्याएं  या कठिनाईयां रहीं वह सब भक्त लोग भूल जाएंगे और वही दृश्य दिखेगा कि प्रभु भगवान श्री रामलला भव्य दिव्य मंदिर में विराजमान हैं, जो आनंद का अनुभव होगा वह अद्भुत अनुभव होगा.

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय ने कहा कि मकर संक्रांति-बसंत पंचमी हर साल आएगी. सूर्य उत्तरायण भी हर साल होगा. अभी 11 महीने और प्रतीक्षा करें. 2024 को जब सूर्य उत्तरायण में आएंगे  तो 1 जनवरी से प्राण प्रतिष्ठा प्रारम्भ करने का अवसर देश को मिल जाएगा. 

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