Aman Giri Profile: लखीमपुर खीरी की गोला गोकर्णनाथ सीट उपचुनाव के नतीजे आ चुके हैं... बीजेपी प्रत्याशी अमन गिरी ने बड़ी मार्जिन से जीत दर्ज की...जानें उनसे जुड़ी कुछ बातें...
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Gola Gokarnanath Winner: बीजेपी विधायक अरविंद गिरी (Arvind Giri) के निधन से खाली हुई गोला गोकर्णनाथ विधानसभा उपचुनाव में बीजेपी ने समाजवादी पार्टी (samajwadi Party) को हराकर अपनी सीट सुरक्षित रखी है. बीजेपी के अमन गिरी ने समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी विनय तिवारी को 33 हजार से अधिक वोटों से हराया. गोला विधानसभा सीट पर नए विधायक के चुनाव के लिए 3 नवंबर को वोट डाले गए थे. मतदान में 57.35 फ़ीसदी मतदाताओं ने अपने वोट डाले.
बीजेपी (BJP) की तरफ से अरविंद गिरी के बेटे अमन गिरी (Aman Giri) मैदान में थे तो वहीं समाजवादी पार्टी ने विनय तिवारी को मैदान में उतारा था. इसके अलावा पांच निर्दलीय प्रत्याशी मैदान में थे. बसपा और कांग्रेस की तरफ से कोई भी प्रत्याशी मैदान में नहीं उतरा. चुनाव परिणाम से साफ है कि बसपा का वोट बीजेपी के पक्ष में ही गया.
पिता के बाद अमन ने संभाली राजनीतिक विरासत
गोला गोकर्णनाथ सीट (Gola Gokarnath seat) से 5 बार के विधायक रहे अरविंद गिरी के निधन के बाद उनके 26 साल के बेटे अमन गिरी ने पिता की राजनीतिक विरासत संभाल ली थी. भाजपा ने उपचुनाव में उनको टिकट दिया और उन्होंने अपनी प्रतिभा को साबित किया. अमन गिरी ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की है. इस उपचुनाव में समाजवादी के प्रत्याशी को मुंह की करारी हार का सामना करना पड़ा.
राजनीति में एक्टिव है पूरा परिवार
अमन गिरी 26 साल के हैं और उन्होंने विधि की पढ़ाई पूरी की है. बात करें अरविंद गिरी की तो साल 2005 में उनकी अनुज बहू अनिता गिरी जिला पंचायत अध्यक्ष बनीं थी. अरविंद गिरी की पत्नी सुधा गिरी दो बार गोला नगर पालिका की अध्यक्ष भी रह चुकी हैं. इस बार बीजेपी ने अमन गिरी को चुनाव मैदान में उतारा और वह पार्टी के भरोसे पर खरे उतरे. अमन गिरी भी अपने पिता की तरह काफी एक्टिव रहते हैं. उन्होंने अपने पिता का सपना पूरा किया है. अमन के अंदर वही जोश उत्साह और उमंग देखी गया जो उनके पिता में दिखाई पड़ती थी.
अमन गिरी का पारिवारिक जीवन
अमन का जन्म एक जून 1996 में हुआ था. अमन गिरी की मां का नाम सुधा गिरी है. उन्होंने बीबीए और एलएलबी आनर्स तक की पढ़ाई की है. अभी वह अविवाहित हैं. उनकी दो बहनें हैं. उन्होंने 2022 के चुनाव में पिता अरविंद गिरी का चुनावी प्रबंधन संभाला था. उनके पिता वर्ष 1996, 2002, 2007 में हैदराबाद खीरी विधानसभा सीट से सपा के टिकट पर विधायक चुने गए थे. जबकि 2017 और 2022 में गोला गोकर्णनाथ सीट से बीजेपी के टिकट पर विधायक चुने गए. गौरतलब हो कि अरविंद गिरी बसपा और कांग्रेस से भी चुनाव लड़े लेकिन उनको हार का सामना करना पड़ा था.