Aligarh News: अलीगढ़ के ताले देश दुनिया में मशहूर हैं. इसकी पहचान को पुख्ता बनाए रखने के लिए अब सरकार की पहल पर ओडीओपी प्रोडक्ट ताले को जीआई टैग मिला है.
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अलीगढ़: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के अलीगढ़ (Aligarh) के ताले देश दुनिया में मशहूर हैं. इसकी पहचान को पुख्ता बनाए रखने के लिए अब सरकार की पहल पर ओडीओपी प्रोडक्ट ताले को जीआई टैग मिला है. इससे ताला कारोबारी और कारीगर उत्साहित नजर आ रहे हैं. ऐसे इसलिए क्योंकि अब ताले को लेकर खास पहचान रखने वाला अलीगढ़ खुद ताले की ब्रांडिंग कर सकता है. बताया जा रहा है कि इससे ताले के व्यापार को इसका लाभ काफी लाभ मिलेगा.
मामले में जिलाधिकारी ने दी जानकारी
इस मामले में जिलाधिकारी इन्द्र विक्रम सिंह ने जानकारी दी. उन्होंने बताया कि अलीगढ़ का ताला उद्योग परंपरागत है, इसकी एक ब्रांडिंग होती है. पूरे विश्व में लोग इसे जानते हैं. इसकी एक अपनी अलग पहचान भी है. उन्होंने बताया कि जीआई टैग होने से यहां के उद्यमियों को मदद मिलेगी. इस व्यापार के जरिए उनके लिए बाजार का रास्ता भी खुलेगा.
जिलाधिकारी इंद्र विक्रम सिंह ने बताया कि अलीगढ़ से बाहर ताले की मैन्युफैक्चरिंग करने वाले लोग अब ब्रांडिंग नहीं कर सकते. जीआई टैग लगने के बाद अलीगढ़ के ताला कारोबारी इसकी ब्रांडिंग कर सकते हैं. विश्व में कहीं भी अगर कोई ताला ढूंढेगा, तो उसे अलीगढ़ का ताला दिखेगा.
मामले में ताला कारोबारी ने दी जानकारी
इस मामले में ताला कारोबारी चेतन पाण्डेय ने जानकारी दी. उन्होंने बताया कि हम व्यापारियों के लिए बड़ी खुशी की बात है. जियोग्राफिकल इंडिकेटर यानि जीआई टैग का हमें जो इस्तेमाल करने की छूट दी है, उसमें पहले बहुत सारे आइटम नहीं हुआ करते थे. अब सरकार ने पहल करते हुए जैसे कि हमारा ओडीओपी, वन डिस्टिक वन प्रोडक्ट ठीक उसी प्रकार से हम लोगों को एक प्रकार से स्वायत्तता दी है. अब हम जीआई टैग का उपयोग कर सकेंगे. उन्होंने कहा कि जीआई टैग मिलने से निश्चित ही ताला खरीदारों में भरोसा और ज्यादा बढ़ेगा.
ताला कारोबारी ने बताया सराहनीय पहल
ताला कारोबारियों की मानें तो ताले का इतिहास काफी पुराना है. यहां से ताला कारीगर विदेशों भी गए हैं. वहां पर फैक्ट्री भी संचालित कर रहे हैं. यहां से काफी माल एक्सपोर्ट भी किया जाता है. ताला कारोबारी ने इस सराहनीय पहल के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सराहना की हैं. वहीं, ताला कारीगर सुखबीर ने जानकारी देते हुए बताया कि में 15-20 साल से ताला बनाने का काम कर रहे हैं. हम लोग पीतल के ताले अपने हाथों से तैयार करते हैं. हम ऐसा ताला तैयार करते हैं, जो आसानी से ना खुल सके. ताले का जो जीआई टैग किया गया है, ये काम सरकार ने अच्छा किया है.