इंजीनियर में एक छोड़ सारे सब्जेक्ट में फेल हो गए थे अखिलेश, स्कूल में खुद चुना था अपना नाम
Advertisement
trendingNow0/india/up-uttarakhand/uputtarakhand2537752

इंजीनियर में एक छोड़ सारे सब्जेक्ट में फेल हो गए थे अखिलेश, स्कूल में खुद चुना था अपना नाम

Akhilesh Yadav in Podcast: सपा अध्‍यक्ष अखिलेश यादव ने पिछले दिनों एक पॉडकास्‍ट में अपने जीवन और मैरिज लाइफ पर खुलकर चर्चा की. अब उनका वीडियो वायरल हो रहा है. 

Akhilesh Yadav

Akhilesh Yadav First Podcast: समाजवादी पार्टी के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष अखिलेश यादव ने पिछले दिनों एक पॉडकास्‍ट में अपने जीवन और सियासी कर‍ियर से जुड़े कई अनछुए पहलुओं पर खुलकर चर्चा की. यूपी के पूर्व मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि बचपन के नाम को लेकर कहा कि अभी भी कई लोग हैं जो मुझे बचपन के नाम से बुलाते हैं. अख‍िलेश यादव ने कहा कि नेताजी (मुलायम सिंह यादव) सदन में भी मुझे बचपन के नाम से बुलाया करते थे. प्‍यार से अभी भी पुराने लोग बचपन के नाम से ही पुकारते हैं. 

अखिलेश नाम पर किया खुलासा
वहीं, सपा अध्‍यक्ष ने अखिलेश नाम को लेकर भी बड़ा खुलासा किया. उन्‍होंने कहा कि जब चाचा रामगोपाल स्‍कूल में एडमिशन कराने ले कर गए तो स्‍कूल के प्रधानाचार्य ने पूछा कि आपका नाम क्‍या रख दें. इस पर उनके सामने चार नामों का विकल्‍प रखा गया. इस पर सपा अध्‍यक्ष ने अपना नाम खुद अखिलेश चुन लिया. तब से उनका नाम अखिलेश यादव ही पड़ गया. अखिलेश यादव ने डिंपल यादव से शादी से जुड़े सवाल पर कहा कि उन्होंने सबसे पहले दादी को ये बात बताई थी. दादी के जरिए ही उन्होंने नेताजी (मुलायम सिंह) तक ये बात पहुंचाई थी. 

डिंपल यादव से शादी कैसे हुई? 
अखिलेश यादव ने कहा कि डिंपल यादव से इंटरकास्ट मैरिज थी. नेता जी को समझाने में अमर सिंह और जनेश्वर मिश्र ने साथ दिया. इतना ही नहीं अखिलेश यादव ने कहा कि अगर अमर सिंह और जनेश्वर मिश्र नहीं होते, तो उनकी शादी डिंपल से नहीं हो पाती. नेताजी ने अपने सभी पुराने साथी से पूछा था. अखिलेश यादव ने राजनीति में आने का भी किस्‍सा सुनाया. उन्‍होंने कहा कि 1999 में वह दिल्‍ली में तब नेताजी का फोन आया कि तुम्‍हें चुनाव लड़ना है. तब से चुनाव लड़ता चला आ रहा हूं. फ‍िर आज तक पीछे मुड़कर नहीं देखा. 

राजनीति में प्रवेश और बच्चों की भागीदारी 
अखिलेश यादव ने अपनी बेटी (अदिति) के चुनाव प्रचार को लेकर भी अपनी राय रखी. उन्हें राजनीति से अवगत कराना चाहते हैं. मेरी बेटी अदिति गांव-गांव जाकर राजनीति को समझ रही है. आने वाली पीढ़ी को राजनीति की गहराई समझनी चाहिए. अखिलेश यादव ने टीना, अदिति और अर्जुन को लेकर भी अपनी बातें रखीं. बच्‍चों की पढ़ाई को लेकर घर में चर्चा होती रहती हैं. साथ ही उनसे खाने और मनोरंजन को लेकर नया कुछ सीखने को मिलता है. 

अख‍िलेश ने 2012 से 2017 के शासन काल का जिक्र किया
अखिलेश यादव ने 2012-2017 के दौरान अपनी सरकार की उपलब्धियों का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि राज्य को जितना अच्‍छा इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर दे सकते थे, उससे ज्‍यादा दिया. सपा सरकार ने पूरे मानक से आगरा-लखनऊ एक्‍सप्रेसवे बनाया. अर्बन प्‍लानिंग में सड़क कैसी होती है, सपा सरकार ने करके दिखाया. जो लोग बेंगलुरु और चेन्‍नई में काम करते हैं. वह आज लखनऊ में एचसीएल में काम कर रहे हैं. लोगों ने धन्‍यवाद दिया कि बच्‍चे लखनऊ में पढ़ाई के साथ जॉब के अवसर भी खुले. 

एक ही विषय में पास हुए थे अखिलेश यादव 
अखिलेश यादव ने कहा कि नेताजी ने उन्‍हें दस साल की उम्र में ही मिलिट्री स्‍कूल भेज दिया था. वहां से सिडनी विश्‍वविद्यालय गए. फ‍िर इसके बाद मैसूर में इंजीनियरिंग की. सपा अध्यक्ष ने कहा कि जब मैं इंजीनियरिंग में गया तो मैंने अपना रिजल्ट देखा तो खुशी हुई कि मैं सिर्फ एक सब्जेक्ट में ही फेल हुआ हूं. लेकिन जब रिजल्ट देखकर वापस आया तो दोस्तों ने बताया कि ये एक सिर्फ वो सब्जेक्ट है जिसमें तुम पास हुए हो. बाकी सब में बैक आई है. हालांकि, अखिलेश यादव ने बाद के सेमेस्‍टर में खूब पढ़ाई की और इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की.  

 

यह भी पढ़ें : उपचुनाव में हार के बाद मिल्कीपुर में सपा को मिलेगी गुडन्यूज? बीजेपी के माथे पर चिंता की लकीर डालेंगे ये आंकड़े!

यह भी पढ़ें :  बीजेपी ने कुंदरकी से लिया अयोध्या की हार का बदला, हिन्दुत्व के गढ़ में हारी भाजपा ने मुस्लिमों के गढ़ में सपा को धूल चटाई

Trending news