Masik Krishna Janmashtami 2023: कब मनाई जाएगी मासिक कृष्ण जन्माष्टमी? जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
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Masik Krishna Janmashtami 2023: कब मनाई जाएगी मासिक कृष्ण जन्माष्टमी? जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Monthly Krishna Janmashtami 2023 : धर्म शास्त्रों में बताया गया है कि भगवान श्रीकृष्ण भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को जन्में और इस तरह हर मासिक कृष्ण जन्माष्टमी माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को मनाई जाने की परंपरा चली आ रही है. इस दिन कृष्णजी की विधिवत पूजा और उपासना करने के बारे में बताया गया है.

krishna janmashtami (फाइल फोटो)

Masik Krishna Janmashtami 2023: हिन्दू पंचांग के मुताबिक मासिक कृष्ण जन्माष्टमी हर माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को मनाए जाने के बारे में बताया गया है. इस तरह जून में यह तिथि 10 जून को पड़ रही है यानी 'मासिक कृष्ण जन्माष्टमी' 10 जून को मनाई जाएगी. कृष्णजी भाद्रपद के कृष्ण पक्ष में अष्टमी तिथि को जन्मे जिसके कारण कृष्ण पक्ष की अष्टमी को हर माह मासिक कृष्ण जन्माष्टमी मनाने की परंपरा चली आ रही है. 

जीवन मंगलमय बनाते हैं भगवान

मासिक कृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर पूजा उपासना किए जाने की मान्यता है. भगवान वासुदेव को स्मरण कर मन से व्रत उपवास रखने का भी इस दिन बहुत महत्व है. धार्मिक मान्यता की बात करें तो कृष्णजी भक्तों का उद्धार करते हैं और उनका जीवन मंगलमय बनाते हैं. ऐसे में मासिक कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर भक्तगण को पूरे मन से भगवान कृष्ण की पूजा करनी चाहिए. आइए, जानते हैं इस दिन भगवान की पूजा करने के लिए शुभ मुहूर्त और पूजा विधि. 

शुभ मुहूर्त जान लीजिए
ज्योतिषियों के अनुसार आषाढ़ अष्टमी की तिथि आने वाले 10 जून को पड़ रही है जोकि  दोपहर 2 बजकर 01 मिनट से शुरू होगी और फिर 11 जून को यह तिथि दोपहर 12 बजकर 05 मिनट पर खत्म हो रही है. ये तो सब जानते हैं कि कृष्णजी मध्य रात्रि में जन्मे है, ऐसे में आने वाला 10 जून को मासिक कृष्ण जन्माष्टमी मानाई जानी है. 

ये पूरी पूजा विधि
ब्रह्म मुहूर्त में इस दिन जाग जाए और घर साफ कर लें. फिर नित्य कर्मों के बात गंगाजल युक्त पानी से नहाएं. इसके बाद हथेली में जल रखे और आचमन कर पीला वस्त्र धारण करें. फिर सूर्यदेव को जल चढ़ाए. इसके बाद चौकी पर कृष्णजी की प्रतिमा को विराजमान करें. भगवान का पूर्ण श्रृंगार करें और फिर उन्हें दर्पण दिखाएं. ऐसा करने से भगवान कृष्ण अति प्रसन्न होते हैं. 

पूरे विधि विधान से पूजा करें
इसके बाद भगवान श्रीकृष्ण की पूरे विधि विधान से पूजा आरंभ करें. उन्हें भोग में फल, मक्खन आदि चढ़ाए. फूल, धूप, दीप, कुमकुम के साथ ही तुलसी दल, तिल, जौ व अक्षत, हल्दी सामग्री भी पूजा की थाल में सजा लें. अंत में भगवान की आरती करें और सुख, समृद्धि, शांति व उनके प्रति भक्ति बनी रहे इसकी कामना करें. भगवान श्रीकृष्ण की कृपा बनी रहेगी.

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