देवभूमि का नया तीरथ: संघ से नाता, गुटबाजी से दूरी और साफ छवि का मिला फायदा
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देवभूमि का नया तीरथ: संघ से नाता, गुटबाजी से दूरी और साफ छवि का मिला फायदा

तीरथ सिंह रावत उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री होंगे. देहरादून में बीजेपी विधायक दल की बैठक में ये फैसला लिया गया है. कल ही त्रिवेंद्र सिंह रावत ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया है.

देवभूमि का नया तीरथ: संघ से नाता, गुटबाजी से दूरी और साफ छवि का मिला फायदा

देहरादून: तीरथ सिंह रावत उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री होंगे. देहरादून में विधायक दल की बैठक में उन्हें नया नेता चुना गया. तीरथ सिंह रावत गढ़वाल से सांसद हैं, वह बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं. बता दें कि कल त्रिवेंद्र सिंह रावत के इस्तीफा देने के बाद से कई नाम पर चर्चा चल रही थी, लेकिन विधायक दल की बैठक में तीरथ सिंह रावत के नाम पर मुहर लगी. बताया जा रहा है कि आज शाम चार बजे मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे.

Uttarakhand Live: तीरथ सिंह रावत होंगे उत्तराखंड के नए CM, विधानमंडल दल की बैठक में फैसला

तीरथ रावत के नाम पर मुहर लगते ही केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल ने बुके देकर उनका स्वागत किया. तीरथ संघ की पहली पसंद थे. गुटबाज़ी से हमेशा दूर रहे. पूर्व मुख्यमंत्री और मौजूदा कैबिनेट मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक के सबसे करीबी माने जाते हैं.

तीरथ सिंह रावत ने कहा कि मैंने कभी सोचा नहीं था कि इतनी बड़ी जिम्मेदारी मिलेगी. कई साल तक संघ से जुड़ा रहा. छात्र राजनीति से संघ से जुड़ा और पार्टी ने यहां तक पहुंचा दिया. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को बहुत धन्यवाद देता हूं.

वरिष्ठ नेता और सामाजिक कार्यकर्ता है तीरथ सिंह रावत

तीरथ सिंह रावत भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और सामाजिक कार्यकर्ता हैं. वो वर्तमान में उत्तराखंड की पौड़ी लोकसभा सीट से सांसद हैं. इससे पहले वो साल 2012 से 2017 में चौबट्टाखाल विधानसभा क्षेत्र से विधायक थे. वो फिलहाल बीजेपी के राष्ट्रीय सचिव हैं. पिछले लोकसभा चुनाव में उन्होंने प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री बीसी खंडूरी के पुत्र मनीष खंडूरी को 3 लाख से ज्यादा मत के अंतर से मात दी थी. 

व्यक्तिगत जीवन
तीरथ सिंह रावत का जन्म  9 अप्रैल 1964 को पौड़ी गढ़वाल के सीरों,पट्टी असवालस्यूं में हुआ था. उनके पिता का नाम कलम सिंह रावत और माता का नाम गौरा देवी था. उन्होंने हेमवती नंदन गढ़वाल यूनिवर्सिटी से बैचलर ऑफ ऑर्टस का स्नातक कोर्स किया.

राजनीतिक जीवन
साल 1983 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से बतौर युवा प्रचारक के रूप में अपनी पारी की शुरुआत की. रावत अपनी छात्र राजनीति का भी हिस्सा रहे. अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद से ही उन्होंने संघ के साथ जुड़कर बतौर सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में काम करना शुरू कर दिया.  महज 20 साल की उम्र में 1983 में संघ के प्रांत प्रचारक बन गए. वो छात्र संघ मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष भी रहे. तीरथ सिंह रावत 90 के दशक में चले अयोध्या श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन से जुड़े और दो साल जेल मे भी रहे.

उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई

90 के दशक में उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई. साल 2000 में जब उत्तराखंड राज्य बना तो वो पहली राज्य सरकार के शिक्षा मंत्री बने. साल 2007 में उन्हें बीजेपी उत्तराखंड इकाई का महामंत्री बनाया गया. वो फरवरी 2013 से दिसंबर 2015 तक उत्तराखंड बीजेपी के अध्यक्ष भी रहे. 

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