भाजपा उत्तराखंड की सत्ता में दोबारा प्रचंड बहुमत के साथ वापसी करना चाहती है. इस बार पार्टी ने 70 विधानसभा सीटों वाले इस राज्य में 51 प्रतिशत वोट और 60 सीटें हासिल करने का लक्ष्य रखा है.
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देहरादून: भारतीय जनता पार्टी ने अगले साल की शुरुआत में होने वाले उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के लिए केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी (Prahlad Joshi) को प्रभारी बनाया है. लोकसभा सांसद लॉकेट चटर्जी और राष्ट्रीय प्रवक्ता सरदार आरपी सिंह को भाजपा ने उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के लिए सह प्रभारी नियुक्त किया है. भाजपा उत्तराखंड की सत्ता में दोबारा प्रचंड बहुमत के साथ वापसी करना चाहती है. इस बार पार्टी ने 70 विधानसभा सीटों वाले इस राज्य में 51 प्रतिशत वोट और 60 सीटें हासिल करने का लक्ष्य रखा है.
उत्तराखंड में BJP साढ़े चार साल में दो मुख्यमंत्री बदल चुकी है
अपने इस लक्ष्य को साधने के लिए भाजपा संगठन तैयारी में जुट गया है. केंद्र और राज्य दोनों में भाजपा की सरकारें हैं, पार्टी के पास चुनाव में जनता के सामने रखने के लिए उपलब्धियों की लंबी फेहरिस्त है, लेकिन सत्ता विरोधी रुझान का भय भी बना हुआ है. इस बीच दो मुख्यमंत्री बदलने पड़े हैं. पहले त्रिवेंद्र सिंह रावत को हटाकर तीरथ सिंह रावत को उत्तराखंड का मुख्यमंत्री बनाया गया, फिर उनकी जगह पुष्कर सिंह धामी को राज्य में सत्ता की कमान सौंपी गई.
भाजपा को 2017 में 46.51 प्रतिशत वोट और 57 सीटें मिली थीं
साल 2017 के उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में भाजपा को 46.51 प्रतिशत वोट और 57 सीटें मिली थीं. पार्टी को लगता है कि इस बार वह 51 प्रतिशत वोट लेकर 60 सीटें प्राप्त कर सकती है. इसी के साथ ही पार्टी हर बूथ मजबूत करने के अभियान पर लगी है. 11235 बूथों पर पार्टी ने 21 सदस्यों की टीम तैयार की है. वरिष्ठ पदाधिकारियों ने इन 2,35,935 कार्यकर्ताओं से संवाद और सत्यापन का काम भी खत्म कर लिया है.
BJP ने 2391 शक्ति केंद्र बनाए, एक को 5 बूथों की जिम्मेदारी
भाजपा ने प्रदेश में 2391 शक्ति केंद्र बनाए हैं. एक शक्ति केंद्र पर एक पालक और एक बीएलए बनाया गया है. हर शक्ति केंद्र को चार से पांच बूथों की जिम्मेदारी दी गई है. इसी के ही साथ पार्टी ने हर पंचायत में दो स्वास्थ्य स्वयंसेवक बनाए हैं. सियासी जानकारों के मुताबिक, कोरोना की तीसरी लहर की आशंका से निपटने के लिए पार्टी स्वयंसेवकों के माध्यम से जनता को यह बताना चाह रही है कि केंद्र और राज्य सरकार ने कितना काम किया है.
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