पटेलनगर निवासी नरेंद्र रावत लॉकडाउन के वक्त ड्यूटी कर रहे हैं. अपनी गर्भावती को घर में छोड़ वह दिन रात अपना कर्तव्य निभा रहे हैं कि इसी बीच उनकी गर्भवती पत्नी ने एक बेटे को जन्म दिया. लेकिन नरेंद्र अपनी ड्यूटी में डटे रहे और अपनी पत्नी और नवजात से मिलने नहीं गए.
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राम अनुज/देहरादून: उत्तराखंड की राजधानी देहरादून से एक ऐसी खबर सामने आई है जहां एक कांस्टेबल ने अपने सच्चे नागरिक होने और कानून से जुड़ें होने के कारण अपने कर्तव्य को कैसे निभाया जाता है इसकी मिसाल पेश की है. लॉकडाउन में ड्यूटी के दौरान एक बेटे के पिता बने नरेंद्र रावत अपनी पत्नी और बेटे के पास होने के बजाए अपनी ड्यूटी निभाते रहे.
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बता दें कि पटेलनगर निवासी नरेंद्र रावत लॉकडाउन के वक्त कानून व्यवस्था से लेकर के जरूरतमंदों को राशन पहुंचाने तक की ड्यूटी कर रहे हैं. अपनी गर्भावती को घर में छोड़ वह दिन रात अपना कर्तव्य निभा रहे हैं कि इसी बीच उनकी गर्भवती पत्नी ने एक बेटे को जन्म दिया. लेकिन नरेंद्र अपनी ड्यूटी में डटे रहे और अपनी पत्नी और नवजात से मिलने नहीं गए.
नरेंद्र की अपने कर्तव्य लेकर निष्ठा और लगन को देखते हुए पुलिस के सीनियर अधिकारियों ने उन्हें सैल्यूट किया और पुत्र प्राप्त होने पर बधाई दी. बताया जा रहा है कि नरेंद्र ने फोन के जरिए ही अपनी पत्नी से बातचीत कर उनके साथ अपनी खुशी साझा की.
नरेंद्र रावत का कहना है कि उन्होंने फोन से ही अपनी पत्नी से बातचीत कर उनकी तबियत पूछी और वापस अपने काम पर लग गए. नरेंद्र बताते हैं कि पिछले 1 महीने से लॉकडाउन के दौरान पूरी गंभीरता के साथ काम कर रहे हैं.
बताया जा रहा है कि उनकी पत्नी और बच्चा दोनों सकुशल हैं. बच्चे का जन्म एक स्थानीय हॉस्पिटल में हुआ है.
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