ॐ में समाया पूरा ब्रह्मांड, चेतना और ऊर्जा स्रोत ओंकार का कैसे करें रोज मंत्रोच्चार, दूर होगी नकारात्मकता
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ॐ में समाया पूरा ब्रह्मांड, चेतना और ऊर्जा स्रोत ओंकार का कैसे करें रोज मंत्रोच्चार, दूर होगी नकारात्मकता

Om word meaning: ॐ: जब हम ध्यान लगाते हैं तो मन के अंदर एक ध्वनि सुनाई  देती है. यह ध्वनि ॐ की होती है. जब हम सांस लेते हैं तब भी ओम की ध्वनि  निकलती है. ॐ सनातन धर्म का प्रतीक चिह्न ही नहीं बल्कि सनातन परम्परा का सबसे पवित्र शब्द है. 

how om word originated

Om word meaning: ॐ: हिंदू धर्म में मंत्रों का उच्चारण करने का विशेष महत्व है. अलग-अलग मंत्रों के अलग-अलग धर्मों में महत्व भी अलग होते हैं. हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध धर्मों में ॐ यानी ओम अथवा ओंकार को पवित्र माना गया है. एकमात्र इसका उच्चारण करने से नकारात्मक ऊर्जा को दूर किया जा सकता है. धर्मशास्त्रों में इसे हर मंत्र से पहले बोलने के कई कारण बताए जाते हैं. भागवतगीता के अनुसार किसी भी मंत्र से पहले ओम का बोलना पुण्यकारी होता है. शास्त्रों में इस शब्द का उच्चारण करना बहुत फलदायी माना जाता है. क्या आपको पता है कि ॐ शब्द कहां से आया, इसकी उत्पत्ति कैसे हुई और इसका अर्थ क्या है?

मंत्रों की उत्पत्ति ॐ से हुई
ॐ हिंदी समेत कई धर्मों का पवित्र चिन्ह है. अधिकतर मंत्रों की उत्पत्ति इससे ही हुई है. इसमें पूरे ब्रह्मांड का सार छिपा हुआ है.

ओम की उत्पत्ति का वर्णन
वैसे तो ॐ की उत्पत्ति का वर्णन कहीं नहीं दिया गया है. कुछ मान्यताओं के अनुसार ओम की उत्पत्ति शिव के मुख से हुई मानी जाती है. हालांकि कई धार्मिक ग्रंथों में इसकी अलग-अलग है.

 मंत्र की शुद्धि
ऐसी मान्यता है कि ॐ लगाकर मंत्र का जाप करने से मंत्र की शुद्धि हो जाती है. मंत्रोच्चारण में गति आती. अगर हम मंत्र से पहले ॐ लगाते हैं, तो मंत्र की शक्ति कई गुना बढ़ जाती है. इस शब्द में समस्त वेदों और धर्म शास्त्रों में सार समाया हुआ है.

मंत्र की तीव्रता
मंत्र से पहले ओम लगाना सभी धर्म शास्त्रों को पढ़ने के बराबर माना जाता है. इसके साथ ही, ॐ को पहले बोलने से मंत्र की तीव्रता बढ़ जाती है. मंत्र से पहले ओम लगाने से आधार मजबूत होता है.  ओम को मंत्र से पहले लगाना बहुत फलदायी होता है.

तीन शब्दों से मिलकर बना है ॐ
ॐ शब्द तीन अक्षरों से मिलकर बना है - अ, उ, और म. 

ॐ के बारे में कुछ खास बातें
ॐ को ब्रह्मांड की अनाहत ध्वनि माना जाता है. 
ओम को दुनिया के सभी मंत्रों का केंद्र माना गया है. साथ ही ये शांति का प्रतीक माना जाता है.
ॐ को समस्त ज्ञान माना जाता है. 
ॐ को परमात्मा, ईश्वर, उस एक के मुख से निकलने वाला पहला शब्द माना जाता है. 
 ॐ का उच्चारण करने से शरीर में सकारात्मक ऊर्जा आती है. 
ॐ को समय की सभी अवस्थाओं का प्रतीक माना जाता है. 
ॐ को आत्मा की सभी अवस्थाओं का प्रतीक माना जाता है. 
ॐ को चेतना की सभी अवस्थाओं का प्रतीक माना जाता है. 
ॐ को अनंत शक्ति का प्रतीक माना जाता है. 
ॐ को हिन्दू धर्म में सबसे बड़ा बीज मंत्र माना जाता है. 
ॐ का उच्चारण करने से घबराहट या अधीरता कम होती है.

डिस्क्लेमर
यहां बताई गई सारी बातें धार्मिक मान्यताओं पर आधारित हैं.कंटेंट का उद्देश्य मात्र आपको बेहतर सलाह देना है. इसकी विषय सामग्री और एआई द्वारा काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.  इस संदर्भ में हम किसी प्रकार का कोई दावा नहीं करते हैं.

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