प्रियंका गांधी वाड्रा ने ट्विटर पर योगी सरकार को कार्रवाई करने की चुनौती देते हुए लिखा कि वह इंदिरा गांधी की पोती हैं, डरने वाली नहीं हैं. प्रियंका के खुद को इंदिरा गांधी की पोती बताने वाले ट्वीट पर योगी सरकार में अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मोहसिन रज़ा ने जवाब दिया.
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लखनऊ: कानपुर के एक शेल्टर होम में 57 बच्चियों के कोरोना संक्रमित मिलने और इनमें से कुछ के गर्भवती होने के मामले में राजनीति शुरू हो गई है. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को कानपुर शेल्टर होम केस के संबंध में की गई उनकी एक फेसबुक पोस्ट के लिए उत्तर प्रदेश बाल संरक्षण आयोग ने उन्हें नोटिस भेजा था.
नोटिस मिलने के बाद प्रियंका गांधी वाड्रा ने ट्विटर पर योगी सरकार को कार्रवाई करने की चुनौती देते हुए लिखा कि वह इंदिरा गांधी की पोती हैं, डरने वाली नहीं हैं. प्रियंका के खुद को इंदिरा गांधी की पोती बताने वाले ट्वीट पर योगी सरकार में अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मोहसिन रज़ा ने जवाब दिया.
जनता के एक सेवक के रूप में मेरा कर्तव्य यूपी की जनता के प्रति है, और वह कर्तव्य सच्चाई को उनके सामने रखने का है। किसी सरकारी प्रॉपगैंडा को आगे रखना नहीं है। यूपी सरकार अपने अन्य विभागों द्वारा मुझे फिज़ूल की धमकियाँ देकर अपना समय व्यर्थ कर रही है।..1/2
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) June 26, 2020
.. जो भी कार्यवाही करना चाहते हैं, बेशक करें। मैं सच्चाई सामने रखती रहूँगी। मैं इंदिरा गांधी की पोती हूँ, कुछ विपक्ष के नेताओं की तरह भाजपा की अघोषित प्रवक्ता नहीं।..2/2
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) June 26, 2020
मोहसिन रज़ा ने प्रियंका के ट्वीट पर कॉमेंट करते हुए लिखा, ''निःसंदेह आप इंदिरा जी की पोती हैं. परन्तु देश को यह बताने में संकोच करना छोड़िए कि आप के दादा फिरोज जहाँगीर जी थे.'' प्रियंका ने ट्वीट किया था, ''जो भी कार्रवाई करना चाहते हैं, बेशक करें. मैं सच्चाई सामने रखती रहूँगी. मैं इंदिरा गांधी की पोती हूँ, कुछ विपक्ष के नेताओं की तरह भाजपा की अघोषित प्रवक्ता नहीं.''
निःसंदेह आप इंदिरा जी की पोती हैं परन्तु देश को यह बताने में संकोच करना छोड़िये की आप के दादा फ़िरोज़ जहाँगीर जी थे। pic.twitter.com/Vr6WoIW0zc
— Mohsin Raza (@Mohsinrazabjpup) June 26, 2020
आपको बता दें कि बीते दिनों प्रियंका गांधी वाड्रा ने अपने एक फेसबुक पोस्ट में कानपुर शेल्टर होम में नाबालिग लड़कियों के गर्भवती होने और कुछ के एचआईवी और हेपेटाइटिस सी से संक्रमित होने का मुद्दा उठाया था. हालांकि, योगी सरकार का इस मामले में कहना है कि बच्चियां पहले से ही गर्भवती थीं. ये सभी पॉक्सो एक्ट (Protection of Children from Sexual Offences (POCSO) Act, 2012) के अंतर्गत शेल्टर होम में लाई गई थीं. इन सभी बच्चियों के आरोपियों पर पॉक्सो एक्ट (POCSO ACT) के अंतर्गत कार्रवाई हुई है और कोर्ट केस चल रहा है.
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