इलाज के लिए लखनऊ भागदौड़ के कारण सौम्या ठीक से पढ़ाई नहीं कर पाई. इस दौरान सौम्या का ऑपरेशन हुआ. ऑपरेशन होने के बाद भी सौम्या ठीक नहीं हुई तो डॉक्टरों ने इलाज चालू रखा.
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महाराजगंज/अमित त्रिपाठी : पुरानी कहवात है एक बार किसी बात को मन में ठान लो और उसको करने के लिए निकल पड़ो तो मंजिल मिलकर ही रहती है. कुछ ऐसा ही कर दिखाया है अपने हौंसलों की उड़ान से यूपी के महारजगंज में रहने वाले सौम्या जयसवाल ने. ब्रेन ट्यूमर जैसी खतरनाक बीमारी होने के बाद भी सौम्या ने यूपी बोर्ड परीक्षाओं में 81 फीसदी नंबर लाकर परिवारवालों और जिले का नाम रोशन कर दिया है.
माता-पिता थे परेशान
महराजगंज जिले के सिसवा जैसे छोटे जगह की रहने वाली सौम्या के माता-पिता को जब ये पता चला कि उनकी बेटी को ब्रेन ट्यूमर हो गया है तो वह काफी निराश हो गए. पिता ने सौम्या की पढ़ाई छुड़वाकर पीजीआई लखनऊ और एम्स में इलाज़ करवाए ताकि वह दोबारा से स्वस्थ हो सके. इलाज के लिए लखनऊ भागदौड़ के कारण सौम्या ठीक से पढ़ाई नहीं कर पाई. इस दौरान सौम्या का ऑपरेशन हुआ. ऑपरेशन होने के बाद भी सौम्या ठीक नहीं हुई तो डॉक्टरों ने इलाज चालू रखा.
ब्रेन ट्यूमर होने के बाद भी नहीं छोड़ी पढ़ाई
ऑपरेशन के बाद भी जब सौम्या पूरी तरह से स्वस्थ नहीं हो सकीं तो उन्होंने दोबारा पढ़ाई शुरू की और यूपी बोर्ड परीक्षाओं में 81 फीसदी अंक लाकर इस बात को स्पष्ट कर दिया कि हौसलों की उड़ान के आगे कोई भी पस्त नहीं हो सकता है. सौम्या का कहना है कि आज उसने हाई स्कूल में 81 प्रतिशत लाई है जिसके पीछे उसके परिवार वाले ने काफी संघर्ष किया है क्योंकि गंभीर बीमारी के कारण उसको पड़ने में काफी दिक्कत होती थी लेकिन परिवारवालों ने उसका साथ दिया जिससे आज उसको ये सफलता मिली.
बेटी को कामयाब होते देखना चाहते हैं पिता
सौम्या के पिता का कहना है कि वो अपनी बेटी की इस पहली कामयाबी से बेहद खुश हैं. एक बार वो पूरी तरह से स्वस्थ हो जाए तो उनकी बेटी बोर्ड परीक्षाओं में फस्ट डिवीजन लेकर आई है, जिसके बाद उनका सिर गर्व से ऊंचा हो गया है. उन्होंने कहा कि वह अपनी बेटी को कामयाब होते हुए देखना चाहते हैं. उनके परिवारवालों का कहना है कि वह भगवान से मनाते हैं कि उसकी बेटी ठीक हो जाए और आगे की पढ़ाई जारी रख सके.