कल्याण सिंह अस्पताल में TV पर देख रहे थे बाबरी केस का निर्णय, बोले- पूरा देश खुश है
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कल्याण सिंह अस्पताल में TV पर देख रहे थे बाबरी केस का निर्णय, बोले- पूरा देश खुश है

यशोदा हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने बताया कि केस में बरी होने की खबर टीवी पर देखते ही कल्याण सिंह खुशी से मुस्कुराने लगे. अस्पताल में मौजूद पूर्व मुख्यमंत्री के सांसद पुत्र राजवीर सिंह ने उन्हें बंधाई दी. 

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह को बाबरी विध्वंस केस में बरी होने के बाद मिठाई खिलाकर बधाई देता येशोदा हॉस्पिटल का मेडिकल स्टाफ.

गाजियाबाद: बाबरी विध्वंस केस में जिस वक्त फैसला आ रहा था उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह गाजियाबाद के यशोदा हॉस्पिटल में टीवी पर टकटकी लगाए हुए थे. कोरोना संक्रमित होने के कारण कल्याण सिंह यशोदा अस्पताल में भर्ती हैं. बाबरी केस के 32 आरोपियों में उनका भी नाम शामिल था. विशेष सीबीआई अदालत के जज सुरेंद्र कुमार यादव ने फैसला सुनाते हुए कहा कि बाबरी विध्वंस की घटना पूर्वनियोजित नहीं थी बल्कि आकस्मिक थी. सीबीआई आरोपियों के खिलाफ आपराधिक साजिश रचने के मामले में पर्याप्त सबूत पेश नहीं कर सकी, इसलिए सबको बाइज्जत बरी किया जाता है. 

यशोदा हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने बताया कि केस में बरी होने की खबर टीवी पर देखते ही कल्याण सिंह खुशी से मुस्कुराने लगे. अस्पताल में मौजूद पूर्व मुख्यमंत्री के सांसद पुत्र राजवीर सिंह ने उन्हें बंधाई दी. कल्याण सिंह ने कहा कि यह एक ऐतिहासिक फैसला है. मुझे भारत की न्यायव्यवस्था में गहरी आस्था थी. कल्याण सिंह ने कहा कि वह कोविड के इलाज से स्वस्थ एवं अच्छा महसूस कर रहे थे, लेकिन इस समाचार ने उनकी प्रसन्नता को दोगुना कर दिया है. उन्होंने कहा कि फैसले से सिर्फ मैं ही नहीं, पूरा देश खुश है. हॉस्पिटल स्टाफ ने उन्हें बंधाई दी और मिठाई खिला कर उनका अभिनन्दन किया.

VIDEO: बाबरी मस्जिद विध्वंस केस में बरी होने पर देखें क्या रहा आडवाणी-जोशी का रिएक्शन

बाबरी विध्वंस के वक्त कल्याण सिंह यूपी के मुख्यमंत्री थे, उनकी सरकार चली गई थी
आपको बता दें कि जब अयोध्या में विवादित बाबरी मस्जिद के ढांचे को कारसेवकों ने ध्वस्त कर दिया था, उस वक्त कल्याण सिंह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे. जब कारसेवक जमा होने लगे थे तो यूपी सरकार और अयोध्या प्रशासन पर दबाव बढ़ गया था. इसे देखते हुए कल्याण सिंह ने असेंबली में लिखित आश्वासन दिया कि सरकार विवादित ढांचे को आंच नहीं आने देगी. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में भी चार बिंदुओं का हलफनामा दाखिल किया. इसमें कहा गया कि मस्जिद की सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी. कारसेवा सिर्फ सांकेतिक होगी.​ फिर भी कारसेवकों ने विवादित ढांचे को गिरा दिया. कल्याण सिंह की सरकार गिर गई.

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CM कल्याण सिंह ने अधिकारियों को कारसेवकों पर गोली नहीं चलाने का आदेश दिया
कल्याण सिंह का 1 अगस्त 2020 एक अंग्रेजी अखबार इंटरव्यू छपा था, जिसमें उन्होंने बाबरी विध्वंस की घटना के बारे में विस्तार से बाचतीच की थी. उन्होंने कहा था, ''मैं आपको बताता हूं. उस दिन (6 दिसंबर को) जब माहौल बिगड़ने लगा, मुझे अयोध्या के जिलाधिकारी का फोन आया. उन्होंने कहा कि 3.5 लाख के आसपास कारसेवक जमा हो चुके हैं. केंद्रीय सुरक्षा बल मंदिर परिसर की तरफ बढ़ रहे हैं लेकिन कारसेवकों ने साकेत कॉलेज के पास उनका रास्ता रोक रखा है. मुझसे पूछा गया कि क्या कारसेवकों पर फायरिंग का आदेश दिया जा सकता है? मैंने ऐसा न करने का आदेश लिखित में दिया. मेरा वह आदेश अब भी फाइलों में होगा. फायरिंग करने से हालात और बिगड़ सकते थे. कई लोगों की जान जा सकती थी. न सिर्फ यहां बल्कि पूरे देश में कानून व्यवस्था की स्थिति खराब हो सकती थी.''

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श्रीराम का मंदिर बनाने के लिए सत्ता क्या, सब कुछ कुर्बान कर सकता हूं: कल्याण सिंह
कल्याण सिंह ने इस इंटरव्यू में आगे कहा था, ''मुझे अपने इस फैसले पर आज भी गर्व है. मेरी सरकार चली गई लेकिन मैंने कारसेवकों को बचा लिया. उन पर गोली नहीं चलने दी. दूसरी तरफ मैं यह भी सोचता हूं कि शायद इस विध्वंस से ही मंदिर निर्माण का रास्ता खुला. भगवान श्री राम के मंदिर को बनाने के लिए सत्ता ही क्या मैं सब कुछ कुर्बान करने के लिए तैयार हूं. मैंने अधिकारियों को कह दिया था कि ढांचे की सुरक्षा के लिए जैसे भी उपाय करने हैं या योजना बनानी है कीजिए, लेकिन मैंने उनसे एक बात कह दी थी कि लाखों कारसेवक मौजूद हैं, उन पर गोली नहीं चलेगी. अधिकारियों ने सिर्फ मेरे आदेश का पालन किया.''

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