यूपी के इस जिले में हैं 3000 से ज्यादा एड्स के मरीज, अशिक्षा है सबसे बड़ी वजह
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यूपी के इस जिले में हैं 3000 से ज्यादा एड्स के मरीज, अशिक्षा है सबसे बड़ी वजह

 जिला क्षय रोग अधिकारी बीके झा का कहना है कि देवरिया 'रेड जोन' बन चुका है. यहां 3300 मरीजों का ट्रीटमेंट चल रहा है. इतना बड़ा ग्राफ होते हुए भी यहां के कर्मचारी और अधिकारी अच्छा काम कर रहे हैं.

यूपी के इस जिले में हैं 3000 से ज्यादा एड्स के मरीज, अशिक्षा है सबसे बड़ी वजह

देवरिया: उत्तप्रदेश के देवरिया जिले में आज यानी 1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस के दिन इस भयानक बीमारी से बचने के लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है. बता दें, एड्स मरीजों के मामले में देवरिया पूरे प्रदेश के टॉप 5 जिलों में शामिल है और यहां लगभग 3300 मरीज हैं जो एड्स से ग्रसित हैं.

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बेरोजगारी और पलायन है जिले की मुसीबत
जानकारी के मुताबिक देवरिया के लोगों को यहां से पलायन करना पड़ता है क्योंकि उद्योग और धंधे नहीं हैं. अशिक्षा के चलते वह बाहर जाकर एड्स की बीमारी का शिकार हो जाते हैं. उसके बाद यह बीमारी उनसे उनके घर वालों तक पहुंच जाती है.    

5 जगहों पर लगे कैम्प
एड्स को लेकर सरकार लोगों को जागरूक करने का प्रयास लगातार कर रही है. इस बात पर CMO का कहना है कि एड्स एक जानलेवा बीमारी है, यह अशिक्षित लोगों को ज्यादा प्रभावित करती है. लोगों को यह मालूम नहीं है कि एड्स से कैसे बचना है. यहां के लोग महानगरों में जाते हैं और एड्स लाते हैं. प्रशासन का कोशिश है कि सभी लोग जागरूक हों और खुद को सुरक्षित रखें. साथ ही, अपने परिवार को भी सुरक्षित रखें. देवरिया एड्स के मामले में टॉप श्रेणी में आता है. इसलिए यहां जागरूकता के लिए स्वास्थ्य विभाग 5 जगहों पर कैम्प लगा रहा है.

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104 संक्रमित महिलाओं के बच्चों को इस बीमारी से बचाया
वहीं, जिला क्षय रोग अधिकारी बीके झा का कहना है कि देवरिया 'रेड जोन' बन चुका है. यहां 3300 मरीजों का ट्रीटमेंट चल रहा है. इतना बड़ा ग्राफ होते हुए भी यहां के कर्मचारी और अधिकारी अच्छा काम कर रहे हैं. गर्भवती महिलाओं के इलाज के दौरान अभी तक 104 बच्चों को संक्रमण से बचाया जा चुका है और आगे भी सबको बचाने के प्रयास जारी हैं.

क्या है एड्स?
AIDS को समझने से पहले HIV को समझना बहुत जरूरी है. एचआईवी का मतलब है ह्यूमन इम्यूनोडिफिशिएंसी वायरस (Human Immuno deficiency Virus). यह वायरस ही AIDS का कारण बनता है.

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हमारे शरीर की रक्षा प्रणाली को इम्यून सिस्टम कहा जाता है. यह सिस्टम कई वायरस और बैक्टीरिया से मानव शरीर को लड़ने कि क्षमता प्रदान करता है. HIV इसी प्रतिरक्षा प्रणाली के सेल्स पर अटैक कर उन्हें कमजोर कर देता है. यह सेल्स असल में WBC या White Blood Cells होते हैं जिन्हें CD4 सेल्स भी कहा जाता है.

अगर वायरस को कंट्रोल करने के लिए दवा का इस्तेमाल न किया गया तो HIV के जीवाणु CD4 सेल्स पर कब्ज़ा कर इन सेल्स को खत्म कर देते हैं. इससे शरीर का इम्यूनिटी सिस्टम खत्म हो जाता है और यह बीमारी एड्स का रूप ले लेती है.

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