बाबरी मस्जिद केस: आडवाणी, कल्याण, उमा समेत अन्य को बरी करने के खिलाफ वाली याचिका पर सुनवाई की तारीख आगे बढ़ी
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बाबरी मस्जिद केस: आडवाणी, कल्याण, उमा समेत अन्य को बरी करने के खिलाफ वाली याचिका पर सुनवाई की तारीख आगे बढ़ी

विवादित ढांचा विध्वंस मामले में हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने दो सप्ताह के लिए सुनवाई टाल दी है. पुनरीक्षण याचिका में कुछ दस्तावेजी त्रुटि होने के कारण कोर्ट ने मामला आगे बढ़ा दिया है. न्यायमूर्ति राकेश श्रीवास्तव की एकल सदस्यीय पीठ ने मामले को दो सप्ताह बाद सूचीबद्ध करने का आदेश दिया.

बाबरी मस्जिद केस: आडवाणी, कल्याण, उमा समेत अन्य को बरी करने के खिलाफ वाली याचिका पर सुनवाई की तारीख आगे बढ़ी

लखनऊ: अयोध्या के विवादित ढांचा विध्वंस मामले में हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने दो सप्ताह के लिए सुनवाई टाल दी है. पुनरीक्षण याचिका में कुछ दस्तावेजी त्रुटि होने के कारण कोर्ट ने मामला आगे बढ़ा दिया है. न्यायमूर्ति राकेश श्रीवास्तव की एकल सदस्यीय पीठ ने मामले को दो सप्ताह बाद सूचीबद्ध करने का आदेश दिया. याचियों के अधिवक्ता को दस्तावेजी त्रुटि दूर करने के भी आदेश सिंगल बेंच ने दिए हैं.

मामले में बीजेपी (BJP) के वरिष्‍ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी समेत सभी 32 दोषियों को बरी किए जाने के खिलाफ दायर याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High court) में लगाई गई थी. यह याचिका 8 जनवरी को अयोध्या निवासी हाजी महबूब अहमद और सैयद अखलाक अहमद की ओर से दाखिल की गई थी. 

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दोनों अयोध्या निवासियों की ओर से अधिवक्ता व ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के कार्यकारी सदस्य जफरयाब जिलानी द्वारा दायर याचिका को मंगलवार को न्यायमूर्ति राकेश श्रीवास्तव की पीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया गया. बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के संयोजक जिलानी ने कहा कि उन्हें अदालत का रुख इसलिए करना पड़ा क्योंकि पिछले साल आए इस मामले में फैसले के खिलाफ सीबीआई ने अब तक अपील दाखिल नहीं की है.

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याचिका में विवादित ढांचा विध्वंस मामले के 30 सितंबर 2020 के सीबीआई अदालत के फैसले को चुनौती देते हुए पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, तत्कालीन मुख्यमंत्री कल्याण सिंह, बीजेपी के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, विनय कटियार सहित सभी 32 अभियुक्तों को बरी करने के विशेष अदालत के फैसले को गलत व तथ्यों के विपरीत बताया गया है.

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