अयोध्या विवादित ढांचा ढहाने की बरसी पर इस बार भारतीय पंचाग के अनुसार होंगे कार्यक्रम
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अयोध्या विवादित ढांचा ढहाने की बरसी पर इस बार भारतीय पंचाग के अनुसार होंगे कार्यक्रम

 वीएचपी राम मंदिर निर्माण को लेकर केंद्र सरकार से अध्यादेश लाने कि मांग कर रही है.

फाइल फोटो- डीएनए

राजीव श्रीवास्तव, लखनऊ: लोकसभा चुनाव के कुछ महीने पहले संघ परिवार एक बार फिर हिंदुत्व को धार देने में लग गया है. विश्व हिन्दू परिषद इस बार विवादित ढांचा गिराने की बरसी को बड़े स्तर पर भारतीय पंचाग के अनुसार मनाएगा. विश्व हिंदू परिषद के पदाधिकारियों का मानना है कि अयोध्या में विवादित ढांचा गीता जयंती के दिन गिरा था, इस कारण से उसकी बरसी पर बड़े स्तर पर इस साल गीता जयंती के दिन से कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. इन कार्यक्रमों के तहत वीएचपी सभी समुदाय के लोगों से मंदिर निर्माण के लिए अनुष्ठान पूजा अर्चना करने की अपील करेगा. 

लोकसभा चुनाव की सुगबुगाहट के बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अनुसांगिक संगठन विश्व हिन्दू परिषद ने दूसरे राम मंदिर आंदोलन को धार देने का फैसला किया है. वीएचपी राम मंदिर निर्माण को लेकर केंद्र सरकार से अध्यादेश लाने कि मांग कर रही है. जहां केंद्र सरकार को साढ़े चार साल हो गए हैं और प्रदेश सरकार को लगभग डेढ़ साल हो गए हैं, ऐसे में राम मंदिर निर्माण के लिए अब देरी ठीक नहीं है.

इसी मांग को आगे बढ़ाते हुए जहां एक ओर वीएचपी 25 नवम्बर से 9 दिसम्बर के बीच अलग अलग स्थानों पर राम भक्तों को इकट्ठा करके राम मंदिर निर्माण का शंखनाद करेगी. वहीं दूसरी ओर गीता जयंती के दिन से वीएचपी एक हफ्ते के लिए राम मंदिर निर्माण के लिए सभी पंथ के लोगों से पूजा और अर्चना का आहवाहन करेगा.

भारतीय पंचाग के अनुसार अयोध्या में विवादित ढांचा सन 1992 में गीता जयंती के दिन ही गिराया गया था. हांलाकि अंग्रेजी कलेंडर के अनुसार विवादित ढांचा 6 दिसम्बर 1992 को गिराया गया था.वीएचपी के कर्ताधर्ता अपने संगठन को एक सांस्कृतिक संगठन मानते हैं, लिहाजा इस बार यह फैसला लिया गया है कि विवादित ढांचा को ढहाने कि बरसी गीता जयंती के दिन यानि कि अंग्रेजी कलेंडर के अनुसार 18 दिसम्बर से मनाई जाएगी. हालांकि वीएचपी के अवध प्रांत के संगठन मंत्री भोलेन्द्र बताते हैं कि 6 दिसम्बर को वीएचपी परंपरागत रूप से चला आ रहा विजय दिवस कार्यक्रम भी मनाएगी.

वो कार्यक्रम सिर्फ एक दिन का होगा, जबकि गीता जयंती के दिन शुरू होने वाला कार्यक्रम 18 दिसम्बर से लेकर 25 दिसम्बर तक चलेगा. इस कार्यक्रम के तहत वीएचपी के पदाधिकारी सभी पंथों के लोगों एक हफ्ते के लिए राम मंदिर निर्माण हेतु अनुसठन एवं पूजा-अर्चना करने का आहवाहन करेंगे.

वीएचपी के अवध प्रांत संगठन मंत्री भोलेन्द्र कहते हैं कि वीएचपी सभी पंथ के लोगों से आहवान करेगा वो चाहे फिर मुस्लिम पंथ के लोगे हों या फिर सिख, जैन या फिर कोई और. इस सवाल के जवाब पर कि क्या मुस्लिम पंथ के लोग भी शामिल होंगे, भोलेन्द्र कहते हैं कि जब वीएचपी ने शिला पूजन का आहवाहन किया था तब भी सभी पंथों से किया था और अब भी सभी पंथों से करेंगे. यदि मुस्लिम पंथ के लोग भी इसका हिस्सा बनते हैं तो उनका स्वागत है. मुस्लिम धर्मगुरुओं की भागीदारी को लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा समर्थित मुस्लिम राष्ट्रीय मंच को ज़िम्मेदारी सौंपी गई है. मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के प्रदेश संयोजक महराज ध्वज चंदेल ने ज़ी मीडिया को बताया कि इस बाबत फ़ैसला 17 नवम्बर की मीटिंग के बाद होगा. 

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