पूजा बेदी के 'नागा बाबा' बयान पर नाराज अखाड़ा परिषद, दे दी ये नसीहत
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पूजा बेदी के 'नागा बाबा' बयान पर नाराज अखाड़ा परिषद, दे दी ये नसीहत

महेंद्र गिरी ने पूजा बेदी को नागा बाबाओं के बारे में जानकारी लेने की नसीहत दी है. उनका कहना है कि अपने फायदे के लिए जो लोग नग्न प्रदर्शन करते हैं, उससे समाज में गलत संदेश जाता है.

पूजा बेदी के 'नागा बाबा' बयान पर नाराज अखाड़ा परिषद, दे दी ये नसीहत

प्रयागराज: बॉलीवुड एक्ट्रेस पूजा बेदी ने मिलिंद सोमन के समर्थन में उतरते हुए सोशल मीडिया पर जो ट्वीट किया है, वो उन पर भारी पड़ता नजर आ रहा है. सोशल मीडिया पर तो पूजा ट्रोल हो रही हैं, अब साधु समाज भी उनके इस कृत्य पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहा है. साधु-संतों की सबसे बड़ी संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने भी नाराजगी जताई है. अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महेंद्र गिरी ने कहा है कि पूजा बेदी को नागा संन्यास परंपरा की कोई जानकारी नहीं है. उनका कहना है कि फिल्मी कलाकार के नग्नता और अश्लीलता की तुलना नागा सन्यासियों की परंपरा से करना बेहद गलत है. 

महेंद्र नेगी ने पूजा को महाकुंभ में बुलाया
महेंद्र गिरी ने पूजा बेदी को नागा बाबाओं के बारे में जानकारी लेने की नसीहत दी है. महंत नरेंद्र गिरि ने कहा है कि अपने फायदे के लिए जो लोग नग्न प्रदर्शन करते हैं उससे समाज में गलत संदेश जाता है. अखाड़ा परिषद की ओर से पूजा बेदी को 2021 में हरिद्वार में होने जा रहे महाकुंभ में आमंत्रित किया गया है. उन्होंने कहा कि पूजा महाकुंभ में आकर नागा संन्यासियों की परम्परा के बारे में जानकारी प्राप्त करें.

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राम लला के मुख्य पुजारी ने भी जताई थी नीराजगी 
बीते सोमवार श्री राम जन्मभूमि राम लला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने नागा साधुओं की तुलना मिलिंद सोमन से करने वाली पूजा बेदी के बयान पर जवाब देते हुए कहा है कि- 'नागा एक संप्रदाय है जो निर्वस्त्र रहते हैं. उसी तरह जैन समाज के लोग भी निर्वस्त्र रहते हैं. ये दोनों संप्रदाय के लोग अपने इंद्रियां वश में रखते हैं. इसमें किसी तरीके कोई विकार नहीं होता है. यह परमात्मा में रमे रहते हैं. यही उनका उद्देश होता है. इनकी तुलना एक नंगे दौड़ने वाले हीरो से करना यह गलत है.'

'धार्मिक अनुष्ठान पर हिरोइन न करें आक्षेप'
उन्होंने ये भी कहा है कि धार्मिक अनुष्ठान किसी हिरोइन का आक्षेप करना उचित नहीं है. ऐसा कहना कि नागा साधुओं को क्यों नहीं अरेस्ट किया गया यह सोच बहुत निंदनीय है और संत और साधक सिद्धों का अपमान है. आचार्य सत्येंद्र दास ने पूजा बेदी को सुझाव दिया है कि वे संतों का अपमान न करें और न ही संतों से वह किसी तरीके की कोई तुलना करें. संत एक साधक होता है जो देश ही नहीं पूरे विश्व के कल्याण के लिए सोचता है.

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