डॉ. मनीषा अरोड़ा के अनुसार, एंपल न्यूट्रीशन की कमी के चलते होती है बाल झड़ने की समस्या. संतुलित आहार के जरिए पाई जा सकती है बाल झड़ने की समस्या से निजात.
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नई दिल्ली: ज्यादातर लोगों का मानना है कि शरीर में विटामिन्स की कमी के चलते उन्हें बाल झड़ने की समस्या का सामना करना पड़ रहा है. जबकि, हकीकत उनकी इस धारणा से कोसों दूर हैं. श्रीबाला जी एक्शन मेडिकल इंस्टीट्यूट की डॉ. मनीषा अरोड़ा के अनुसार, ज्यादातर लोगों को यह भ्रम है कि शरीर में विटामिन्स की कमी के चलते उनके बाल झड़ रहे हैं. जबकि, बाल झड़ने की मुख्य वजह शरीर में एंपल न्यूट्रीशन की कमी है. उनके अनुसार, संतुलित आहार के जरिए शरीर में एंपल न्यूट्रीशन की कमी को पूरा कर बाल झड़ने की समस्या से निजात पाया जा सकता है.
इन वजहों से दी जाती है विटामिन सप्लीमेंट खाने की सलाह
डॉ. मनीषा अरोड़ा के अनुसार, विटामिन का काम बॉडी के सभी सिस्टम को ठीक तरह से रेगुलेट करना है. वहीं, स्वस्थ बालों के लिए एंपल न्यूट्रीशन मिलना बहुत जरूरी है. शरीर में एंपल न्यूट्रीशन की कमी होते ही आप बाल झड़ने की समस्या से जूझने लगेंगे. लिहाजा, ऐसी स्थिति में हम बाल झड़ने से परेशान मरीजों को न्यूट्रीशियस डाइट खाने की सलाह देते हैं. अगर किसी कारणवश मरीज खाना नहीं खा पा रहा है या खाना ठीक से एब्जार्व नहीं हो रहा है, ऐसी स्थिति में ही हम मरीज को विटामिन सप्लीमेंट खाने की सलाह देते हैं.
भोजन में शामिल करें पर्याप्त मात्रा में फल और सब्जी
डॉ. मनीषा अरोड़ा के अनुसार, स्वास्थ से जुड़ी हर समस्या के पीछे सबसे बड़ी वजह असंतुलित भोजन है. अक्सर देखा जाता है कि लोगों के खाने से सीजनल वेजिटेबल और फ्रूट्स नदारत हो चुके हैं. यदि वे इनका सेवन करते हैं तो बेहद कम मात्रा में. यहीं वजह है कि लोगों के शरीर में तेजी से एंपल न्यूट्रीशन की कमी आ रही है. उन्होंने बताया कि स्वस्थ रहने के लिए बेहद जरूरी है कि आप अपने भोजन में लगभग बराबर की मात्रा में सीजनल फ्रूट्स को शामिल करें. ऐसा करने से आपको बाल झड़ने की समस्या से निजात तो मिलेगी ही, साथ थी शरीर में होने वाली अन्य कमियों को भी पूरा किया जा सकेगा.
परेशानी का सबस बन सकते हैं विटामिन सप्लीमेंट
डॉ. मनीषा अरोड़ा के अनुसार, विटामिन-ए गर्भवती महिलाओं के लिए बेहद हानिकारक है. गर्भवती महिलाओं को बहुत ज्यादा विटामिन नहीं दे सकते हैं. ऐसा करने पर उनके गर्भ में पल रहे बच्चे पर भी विटामिन का दुष्प्रभाव पड़ सकता है. इसी तरह, विटामिन-डी बॉडी में कैल्सियम की एर्ब्जाबशन को बढ़ाता है. एक्सेस में विटामिन-डी लेने से कैल्सियम के लेबल बहुत बढ़ जाते हैं. जिसके चलते हमें प्यास बहुत लगती है, डिहाइड्रेशन होता है, रेस्टलेसनेस फील होता है और स्वभाव में चिड़चिडापन आ जाता है. विटामिन-डी का लेबल बढ़ने से हार्ट में भी इफेक्ट आ सकता है.
डॉक्टर की सलाह पर ही लें विटामिन सप्लीमेंट
डॉ. मनीषा आरोड़ा के अनुसार, यह सही है कि ज्यादातर लोगों में विटामिन की कमी देखी जा रही है. बावजूद इसके, डॉक्टर की सलाह के बिना हमें विटामिन सप्लीमेंट का सेवन नहीं करना चाहिए. यदि आप मिड ऐज में हैं तो आप नियमित तौर पर अपना स्वास्थ्य परीक्षण कराएं. स्वास्थ परीक्षण में यदि विटामिन की कमी पाई जाती है, तभी विटामिन सप्लीमेंट का सेवन करें. अनावश्यक रूप से विटामिन सप्लीमेंट लेना आपकी सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है.