हार के बाद भी विधायक बन सकते हैं स्वामी प्रसाद मौर्य! जानिए क्या है अखिलेश यादव का प्लान
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हार के बाद भी विधायक बन सकते हैं स्वामी प्रसाद मौर्य! जानिए क्या है अखिलेश यादव का प्लान

UP Election: चुनाव से पहले बीजेपी छोड़ सपा में आए स्वामी प्रसाद मौर्य को फाजिलनगर से हार का सामना करना पड़ा. इसके बाद भी सपा उनको विधान सभा भेजने की तैयारी में है. इसे लेकर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने स्वामी प्रसाद मौर्य से मुलाकात भी की.

प्रतीकात्मक फोटो

लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को बहुमत मिला. वहीं सपा को हार का सामना करना पड़ा. लेकिन सपा को वोट प्रतिशत में शानदार बढ़त मिली. सपा का मानना है कि उसका वोट प्रतिशत चुनाव से पहले पार्टी में शामिल हुए स्वामी प्रसाद मौर्य समेत अन्य नेताओं की वजह से बढ़ा है. इसे देखते हुए सपा ने स्वामी प्रसाद मौर्य को चुनाव हारने के बाद भी विधान सभा भेजने का प्लान बनाया है. 

  1. स्वामी प्रसाद मौर्य को विधान सभा भेजने की तैयारी
  2. अखिलेश यादव ने स्वामी प्रसाद मौर्य से की मुलाकात
  3. अपनी करहल सीट छोड़ सकते हैं सपा प्रमुख

स्वामी प्रसाद मौर्य जा सकते हैं विधान सभा

टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी एक खबर के अनुसार, समाजवादी पार्टी स्वामी प्रसाद मौर्य के सम्मान बरकरार रखने की तैयारी में है. इसके लिए सपा प्रमुख अखिलेश यादव करहल विधान सभा सीट से इस्तीफा दे सकते हैं. वो आजमगढ़ से सांसदी अपने पास रखेंगे. उनके इस्तीफे के बाद करहल सीट खाली हो जाएगी और उपचुनाव में स्वामी प्रसाद मौर्य को टिकट दी जा सकती है. बीते रविवार को अखिलेश यादव ने स्वामी प्रसाद मौर्य से मुलाकात भी की है.

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करहल से दो सांसद थे आमने-सामने

बता दें कि मैनपुरी की करहल विधान सभा सीट से अखिलेश यादव  67,000 से अधिक वोटों से जीते हैं. उन्होंने केंद्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेल को हराया है. करहल यूपी की इकलौती ऐसी सीट थी, जहां से दो सांसद आमने-सामने थे. अखिलेश यादव आजमगढ़ से सांसद हैं वहीं एसपी सिंह बघेल आगरा से सांसद हैं. 

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स्वामी प्रसाद मौर्य को करना पड़ा हार का सामना

वहीं स्वामी प्रसाद मौर्य ने फाजिलनगर विधान सभा से सपा के निशान पर चुनाव लड़ा था और यहां उनको हार का सामना करना पड़ा. इससे पहले स्वामी अपने पारंपरिक सीट पडरौना से विधायक थे. इसके साथ ही वो योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री थे. स्वामी ने चुनाव से पहले बीजेपी छोड़ सपा का दामन थाम लिया था. वो 2007 से 2022 तक कुशीनगर जिले के अपने पारंपरिक सीट पडरौना से विधायक रहे. 2016 में बीजेपी में आने से पहले वो बसपा के साथ थे.

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