मुंबई: ईसाई धर्मगुरु की अपील, कोरोना से मरे लोगों को दफनाने के बजाय जलाएं
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मुंबई: ईसाई धर्मगुरु की अपील, कोरोना से मरे लोगों को दफनाने के बजाय जलाएं

मुंबई के सारे चर्चों के पादरियों से आह्वान किया है कि कोरोना की वजह से मरे लोगों की डेडबॉडी को दफनाने के बजाय जलवाएं.

फोटो साभार: The Archdiocese of Bombay

मुंबई: देश में कोरोना वायरस (Coronavirus) के संकट के बीच मुंबई के एक ईसाई धर्मगुरु कार्डिनल ओसवाल्ड ग्रेसियस ने कोरोना के संक्रमितों की डेडबॉडी को जलाकर अंतिम संस्कार करने की अपील की है. उन्होंने मुंबई के सारे चर्चों के पादरियों से आह्वान किया है कि कोरोना की वजह से मरे लोगों की डेडबॉडी को दफनाने के बजाय जलवाएं. कार्डिनल ओसवाल्ड ग्रेसियस ने पादरियों से ईसाइयों के शवों को ना दफनाने की अपील करते हुए कहा कि वो बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) के निर्देशों का पालन करें और ईसाइयों के शवों को जलवाएं.

  1. ईसाई धर्मगुरु ने BMC के निर्देशों का पालन करने को कहा
  2. कोरोना से मरे लोगों के शवों को जलाने की अपील की
  3. ईसाई धर्म में डेडबॉडी को दफनाया जाता है

बता दें कि ईसाई धर्मगुरु कार्डिनल ओसवाल्ड ग्रेसियस ने यूट्यूब पर एक वीडियो संदेश के जरिए ईसाई धर्म के लोगों से और चर्च के पादरियों से कोरोना से मरे लोगों की डेडबॉडी को जलाने की अपील की. कार्डिनल ओसवाल्ड ग्रेसियस ने इसके अलावा लोगों को घर से बाहर न निकलने, बार-बार हाथ साफ करने और सोशल डिस्टेंसिंग जैसी कई चीजों के बारे में भी जागरूक किया.

बता दें कि WHO की रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना की बीमारी से मरे व्यक्ति की डेडबॉडी जलाने से कोरोना के फैलने का खतरा नहीं रहता है. जब चिता पर या फिर इलेक्ट्रिक मशीन में शव को जलाया जाता है तो उसका तापमान करीब 700- 1000 डिग्री सेल्सियस तक होता है. इससे वायरस मर जाता है और उसके फैलने का खतरा नहीं रहता है.

ये भी पढ़ें- WHO की रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना से मरे व्यक्ति की डेडबॉडी के अंतिम संस्कार से नहीं है खतरा

लेकिन अगर कोरोना की वजह से मरे शख्स की डेडबॉडी को दफनाया जाता है तो वायरस के फैलने का खतरा बना रहता है. WHO की रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर ऐसे शव को जमीन में दफनाया जाए तो ध्यान रखा जाए कि दफनाने की जगह के 30 मीटर के दायरे में कोई भी पानी का सोर्स ना हो.

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