सरकार से मंजूरी मिलने पर भी दिल्ली में नहीं होगी रामलीला, ये है कारण
Advertisement

सरकार से मंजूरी मिलने पर भी दिल्ली में नहीं होगी रामलीला, ये है कारण

दिल्ली की मशहूर लव कुश रामलीला का आयोजन इस बार अयोध्या में किया जा रहा है. दिल्ली में हर साल बड़े पैमाने पर रामलीला का आयोजन होता है जिसमें नेता-अभिनेता तक भाग लेते हैं लेकिन इस साल दिल्ली के लोगों को रामलीला देखने को नहीं मिल पाएगी. 

सरकार से मंजूरी मिलने पर भी दिल्ली में नहीं होगी रामलीला, ये है कारण

नई दिल्लीः देश में त्योहारों का सीजन शुरू हो चुका है. अक्टूबर से लेकर दिसंबर तक हर साल देश मे त्योहारों की रौनक देखने को मिलती है. लेकिन इस साल कोरोना के चलते सभी त्योहार फीके नजर आ रहे हैं. कोरोना काल में त्योहारों में सबसे पहले असर रामलीला पर देखने को मिलेगा. दिल्ली की मशहूर लव कुश रामलीला का आयोजन इस बार अयोध्या में किया जा रहा है. दिल्ली में हर साल बड़े पैमाने पर रामलीला का आयोजन होता है जिसमें नेता-अभिनेता तक भाग लेते हैं लेकिन इस साल दिल्ली के लोगों को रामलीला देखने को नहीं मिल पाएगी. कोरोना के चलते सरकार ने बड़े धार्मिक आयोजनों को लेकर कुछ दिशा निर्देश जारी किए हैं. जिसमें दिल्ली में रामलीला के आयोजन को मंजूरी तो मिल गई है लेकिन कुछ शर्तों के साथ.

दिल्ली में नहीं लगाए जाएंगे झूले और मेले
डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (District Disaster Management Authority) की तरफ से जारी किए गए दिशा निर्देशों के मुताबिक दिल्ली में 31 अक्टूबर तक मेले, खाने के स्टॉल, झूले, रैली और प्रदर्शनी लगाने की इजाजत नहीं होगी. सभी संयोजकों को जिला अधिकारी से कार्यक्रम के लिए अनुमति लेनी होगी. इसके अलावा डीसीपी, एरिया एसएचओ, एमसीडी से भी इजाजत लेनी होगी. आयोजन की जगह के हिसाब से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए लोगों के बैठने का प्रबंध करना होगा जिसमें हॉल की कुल कैपेसिटी का 50% ही इस्तेमाल होना चाहिए. इसके अलावा हर दिन शुरू से अंत तक पूरे कार्यक्रम की वीडियोग्राफी करके उस जगह के नोडल अधिकारी को सौपनी होगी. 

ये भी पढ़ें- महाराष्ट्र: राज्यपाल की सिफारिश के बावजूद बंद रहेंगे धार्मिक स्थल, कल से चलेगी मेट्रो

मेला न लगने से रामलीला के आयोजकों को आ रहीं मुश्किलें
इन सभी नियमों के साथ धार्मिक आयोजनों की मंजूरी दिल्ली में मिल गई है. आयोजकों का कहना है कि सरकार ने काफी देर से ये गाइडलाइन जारी की है और इसमें जिन एजेंसियों से अनुमति लेनी है उन सब से इतने कम समय में परमीशन लेना मुश्किल है. इतनी जल्दी तैयारियां भी नहीं हो सकतीं. साथ ही रामलीला में प्रदर्शनी और मेला लगाने की छूट न मिलने से रामलीला के आयोजन के लिए पैसा इकट्ठा करना भी मुश्किल होगा.

ये हैं रामलीला न होने के कारण
श्री सनातन धर्म लीला समिति करोल बाग के संयोजक प्रवीण कपूर का कहना है कि 17 तारीख से रामलीला शुरू होनी है और अब तक रामलीला कमेटियों को इजाजत नहीं मिली है. 11 तारीख को सर्कुलर आया था कि कुछ पाबंदियों के साथ रामलीला का आयोजन किया जा सकता है लेकिन इसके साथ ही अलग-अलग विभागों से अनुमति लेने में काफी समय लगेगा और इतने कम समय में रामलीला का आयोजन नहीं किया जा सकता. इसके अलावा कोरोना की महामारी को देखते हुए हमने खुद भी ये निर्णय लिया है कि हम इस बार रामलीला का आयोजन नहीं करेंगे.

Trending news