पिछले साल दिसंबर में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ दिल्ली की जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी में प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा से जुड़ी याचिकाओं पर दिल्ली हाईकोर्ट 6 जुलाई को सुनवाई करेगा.
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नई दिल्ली: पिछले साल दिसंबर में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ दिल्ली की जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी में प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा से जुड़ी याचिकाओं पर दिल्ली हाईकोर्ट 6 जुलाई को सुनवाई करेगा.
पिछली बार कोर्ट ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई करते हुए कहा था कि इस मामले को 6 जुलाई के लिए स्थगित किया जाए. कोरोना वायरस महामारी के चलते अदालतों का कामकाज सीमित हो गया है. दिल्ली पुलिस का पक्ष रखते हुए सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने दलील दी थी कि नबिला हसन नाम की एक याचिकाकर्ता के अनुलग्नक में ‘गैर जिम्मेदाराना’ दरख्वास्त की गई.
हसन ने याचिकाकर्ताओं, विद्यार्थियों और जामिया मिल्लिया इस्लामिया के बाशिंदों पर कथित रूप से नृशंस हमला करने को लेकर पुलिस के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है.
हसन की याचिका में विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों पर पुलिस और अर्धसैनिक बलों के कथित निर्मम अत्यधिक बल प्रयोग और आक्रामकता के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग की गई है.
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