सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाई कोर्ट (Calcutta High Court) के उस फैसले पर स्टे देने से इनकार कर दिया है, जिसमें पटाखों पर रोक लगा दी गई थी.
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नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाई कोर्ट (Calcutta High Court) के उस फैसले पर स्टे देने से इनकार कर दिया है, जिसमें पटाखों पर रोक लगा दी गई थी. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब पश्चिम बंगाल में दिवाली, काली पूजा और छठ (Kali Puja, Diwali and Chhath) के त्यौहार पर पटाखे नहीं जला सकेंगे.
हाई कोर्ट जमीनी हकीकत जानता है: सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमें त्यौहारों की महत्ता के बारे में पता है, लेकिन जीवन बचाना ज्यादा जरूरी है. ऐसी परिस्थिति में हाई कोर्ट स्थानीय परिस्थितियों को बेहतर तरीके से समझता है. कलकत्ता हाई कोर्ट ट्रिब्यूनल के फैसले के खिलाफ कोलकाता मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी (Kolkata Metropolitan Development Authority-KMDA) ने सुप्रीम कोर्ट का रोक किया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने मामले में हाई कोर्ट के रूख को सही ठहराया.
मंगलवार को हाई कोर्ट ने दिया था फैसला
मंगलवार को कलकत्ता हाई कोर्ट(Calcutta High Court) ने छठ पूजा की तैयारियों को लेकर गाइडलाइन्स जारी की थी और राज्य सरकार को निर्देश दिया था कि पटाखों के इस्तेमाल पर रोक के आदेश का कड़ाई से पालन किया जाए.
जस्टिस संजीब बनर्जी और अरिजीत बनर्जी का फैसला
कलकत्ता हाई कोर्ट के जस्टिस संजीब बनर्जी और जस्टिस अरिजीत बनर्जी ने कोरोना महामारी के दौर को देखते हुए कहा कि पटाखों के इस्तेमाल से हालात और भी खराब हो सकते हैं. ऐसे में राज्य सरकार पटाखों के इस्तेमाल के बैन के आदेश को कड़ाई से लागू करे. पिछले सप्ताह ही हाई कोर्ट ने काली पूजा, दिवाली और छठ पर पटाखों के इस्तेमाल और आतिशबाजी पर पूरी तरह से बैन लगा दिया था.