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जोधपुर: असली दुनिया हो या इंटरनेट का वर्चुअल वर्ल्ड, बॉलीवुड सुपरस्टार सलमान खान (Salman Khan) की वहां भले ही कितनी फैन फॉलोइंग हो लेकिन देश में एक जगह ऐसी भी है जहां शायद उन्हें कोई भी पसंद नहीं करता होगा. यहां पर बात राजस्थान (Rajasthan) के जोधपुर (Jodhpur) स्थित कांकाणी गांव (Kankani Village) की जहां लोग उनकी जगह काले हिरण को अपना चहेता, अपना हीरो मानते हुए जमकर अपना प्यार लुटाते हैं.
दरअसल इसके पीछे की वजह यह है कि इसी गांव में सलमान खान ने 23 साल पहले एक फिल्म की शूटिंग के दौरान काले हिरण का शिकार कर दिया था. अब उस जगह पर विश्नोई समाज के युवा हिरण का एक स्मारक बना रहे हैं. इसका काम जोरों पर चल रहा है.
ब्लैक डियर का शिकार जब सलमान खान ने किया तब उनके साथ सैफ अली खान, नीलम, तब्बू और सोनाली बेंद्रे भी इसमें शामिल थे. उसके बाद विश्नोई समाज ने इस केस को भावनात्मक रूप से अदालत में ही लड़ा है.
आज तक यह केस कानूनी दांवपेच में उलझा है. जिस जगह पर हिरण के शिकार की घटना को अंजाम दिया गया वहां अब हिरण का भव्य स्मारक और एक रेस्क्यू सेंटर तैयार किया जा रहा है.
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक हिरण शिकार के घटनास्थल पर काले हिरण की पंच धातु की एक विशाल प्रतिमा लगाई जाएगी. इसके साथ ही यहां पर एक रेस्क्यू सेंटर बनाया जाएगा. उसमें पशु पक्षियों का इलाज होगा.
विश्नोई समाज के लोगों का कहना है कि इस स्मारक के बनने के बाद गुरु जांभोजी महाराज की सीख को आगामी पीढ़ी तक पहुंचाने में सफलता मिलेगी. जांभोजी महाराज की ओर से कहा गया था कि 'सिर कटे रुख बचे तो भी सस्ता जान' यानी अपने प्राणों की आहुति देकर पर्यावरण, पेड़ और पशुओं को बचाना चाहिए.
दरअसल विश्नोई समाज की महिलाएं हिरणों को परिवार के सदस्य जैसा मानती हैं. हिरण के शिकार की बात सुनना भी इनके लिए पाप है. भावनात्मक लगाव तो ऐसा है कि जरूरत पड़ने पर यहां की महिलाएं हिरण के बच्चे को अपना दूध तक पिलाती हैं. इसी समाज के 200 युवाओं ने 7 बीघा जमीन पर स्मारक बनाने का बीड़ा उठाया है.
दैनिक जागरण में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक इस जगह पर स्मारक बनाने का फैसला बहुत पहले हुआ था. हिरणों के शिकार से आहत समाज के लोगों ने 2018 से पहले शिकार की एक जगह पर चबूतरा बना दिया था. उस चबूतरे पर प्रतिदिन विश्नोई समाज के पुरूष अपना सिर झुकाते हैं और शाम को महिलाएं दीपक जलाती हैं. इस चबूतरे के पास बैठकर ही प्रतिदिन वन्यजीवों की रक्षा का संकल्प लिया जाता है.
फिलहाल हिरणों का स्मारक बनाने का काम जोर पकड़ चुका है. इसके लिए उन्होंने दो दर्जन जेसीबी मशीनों की मदद से झाड़ियों को साफ कर जगह को समतल करने का काम शुरू करा दिया है.
इस स्मारक निर्माण के लिए विश्नोई समाज के युवा, बच्चे, बूढ़े और बुजुर्गों के साथ समाज की महिलाएं भी योगदान दे रही हैं. समाज के कुछ लोगों का मानना है कि इसे स्मारक को टूरिज्म स्पॉट के तौर पर विकसित किया जा सकता है.
आपको बता दें कि साल 1998 में फिल्म ‘हम साथ-साथ है’ की शूटिंग के दौरान सलमान खान पर जोधपुर जिले में तीन अलग-अलग स्थानों पर शिकार करने का आरोप लगाते हुए मामले पुलिस में दर्ज कराये गये थे. इनमें से कांकाणी गांव में दो काले हिरणों के शिकार का मामला भी शामिल था.
कांकाणी हिरण शिकार मामले में कोर्ट 5 अप्रैल 2018 को सलमान खान को दोषी करार देकर पांच साल की सजा सुना चुका है. इसके बाद सलमान को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया. इस सजा के खिलाफ सलमान ने स्टे ले रखा है और मामला हाई कोर्ट में विचाराधीन है.
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