Rashtriya Swayamsevak Sangh न दक्षिणपंथी है और न ही वामपंथी, फिर किस विचारधारा से है प्रेरित, संघ के सरकार्यवाह ने बताया
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Rashtriya Swayamsevak Sangh न दक्षिणपंथी है और न ही वामपंथी, फिर किस विचारधारा से है प्रेरित, संघ के सरकार्यवाह ने बताया

Dattatreya Hosabale Rashtriya Swayamsevak Sangh: होसबोले ने कहा कि देश में लोकतंत्र की स्थापना में आरएसएस की अहम भूमिका रही है. इस कार्यक्रम में राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, भारतीय जनता पार्टी के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अध्यक्ष डॉ. महेश चन्द्र समेत कई बड़े नेता भी मौजूद रहे.

Rashtriya Swayamsevak Sangh न दक्षिणपंथी है और न ही वामपंथी, फिर किस विचारधारा से है प्रेरित, संघ के सरकार्यवाह ने बताया

RSS Statement on ideology: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले (Dattatreya Hosabale) ने कहा है कि संघ न तो दक्षिणपंथी है और न ही वामपंथी है, बल्कि वह राष्ट्रवादी है. होसबोले यहां बिरला सभागार में बुधवार को ‘एकात्म मानवदर्शन अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान’ की ओर से 'Rashtriya Swayamsevak Sangh: कल, आज और कल’ विषय पर आयोजित दीनदयाल स्मृति व्याख्यान में बोल रहे थे.

‘भारत में रहने वाले सभी हिंदू'

उन्होंने कहा, ‘भारत में रहने वाले सभी हिन्दू हैं, क्योंकि उनके पूर्वज हिन्दू थे. उनकी पूजा पद्धति अलग हो सकती है, लेकिन उन सभी का डीएनए एक है.’ उन्होंने कहा कि सभी के सामूहिक प्रयास से ही भारत विश्व गुरु बनकर दुनिया का नेतृत्व करेगा. उन्होंने कहा कि संघ भारत के सभी मतों और संप्रदायों को एक मानता है.

संघ की विचारधारा क्या है?
होसबोले ने कहा कि संघ न तो दक्षिणपंथी है और न ही वामपंथी है, बल्कि वह राष्ट्रवादी है. उन्होंने कहा कि लोग अपने मत एवं संप्रदाय का पालन करते हुए संघ के कार्य कर सकते हैं. उन्होंने कहा, ‘संघ कठोर नहीं है, बल्कि लचीला है.’

लोकतंत्र के विकास में संघ की अहम भूमिका: होसबोले

उन्होंने कहा कि संघ को समझने के लिए दिमाग नहीं दिल चाहिए. उन्होंने अपने संबोधन में अगली पीढ़ी के कल्याण के लिए पर्यावरण की रक्षा करने पर बल दिया. होसबाले ने कहा कि देश में लोकतंत्र की स्थापना में आरएसएस की अहम भूमिका रही है. इस कार्यक्रम में राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, भारतीय जनता पार्टी के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अध्यक्ष डॉ. महेश चन्द्र समेत कई बड़े नेता भी मौजूद रहे. इस आयोजन के जरिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह ने साफ किया कि आरएसएस एक राष्ट्रवादी संगठन है. 

(इनपुुट: न्यूज़ एजेंसी पीटीआई भाषा के साथ)

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