Death Anniversary: शहनाई के जादूगर उस्ताद बिस्मिल्लाह खान की 10 अनसुनी कहानियां
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Death Anniversary: शहनाई के जादूगर उस्ताद बिस्मिल्लाह खान की 10 अनसुनी कहानियां

आज की पीढ़ी ने उनका नाम तो सुना होता है, लेकिन बहुत सारी बातें उनके बारे में पता नहीं होतीं, ऐसे कुछ अनसुने तथ्य आज आप जान सकते हैं-

फाइल फोटो

नई दिल्ली: भारत रत्न और प्रख्यात शहनाई वादक बिस्मिल्लाह खान (Bismillah Khan) की आज पुण्यतिथि (Death Anniversary) है. दुनियाभर के मंचों पर शहनाई को पहुंचाने का श्रेय उनका हिस्से में जाता है. 21 अगस्त 2006 को वो इस दुनिया को अलविदा कह गए थे, उनकी मौत पर सरकार ने राष्ट्रीय शोक घोषित किया था. वाराणसी में जब उनको सुपुर्द ए खाक किया गया तो उनकी एक शहनाई भी उन्हीं के साथ दफन की गई थी और भारतीय सेना द्वारा 21 गन सैल्यूट के राजकीय सम्मान के साथ उनको अंतिम विदाई दी गई थी. आज की पीढ़ी ने उनका नाम तो सुना होता है, लेकिन बहुत सारी बातें उनके बारे में पता नहीं होतीं, ऐसे कुछ अनसुने तथ्य आज आप जान सकते हैं-

1. उस्ताद बिस्मिल्लाह खान की आखिरी इच्छा मरते दम तक पूरी नहीं हो पाई थी. लाल किले से लेकर ब्रिटेन की महारानी के दरबार तक में शहनाई बजा चुके बिस्मिल्लाह खान की बड़ी ख्वाहिश थी कि वो एक दिन इंडिया गेट पर शहनाई बजाएं और इसका एक खास मकसद था, वो शहीदों को अपनी शहनाई के जरिए श्रद्धांजलि देना चाहते थे.

2. यूं बिस्मिल्लाह खान के 3 बेटे और 5 बेटियां थीं, फिर भी उन्होंने एक लड़की को अपनी बेटी मान लिया था, जो आज शास्त्रीय गायिका सोमा घोष के तौर पर जानी जाती हैं. सोमा भी बनारस से थीं, एक कंसर्ट में उन्होंने बिस्मिल्लाह खान को आमंत्रित किया था, वहां वो उनकी गायकी सुनकर दंग रह गए. इससे उन्हें अपनी फेवरेट रसूलन बाई की याद आ गई, तब से वो उन्हें बेटी मानने लगे, और सोमा उन्हें ‘बाबा’.

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3. बिस्मिल्लाह खान का असली नाम कमरुद्दीन था, क्योंकि बड़े भाई का नाम शमशुद्दीन था, सो पिता ने मिलता जुलता नाम कमरूद्दीन रख दिया. उनका जन्म बिहार के डुमरांव में हुआ था, उनके पिता वहां के राजा केशव प्रसाद सिंह के दरबार में संगीतकार थे.

4. अगर आपने शाहरुख खान की मूवी ‘स्वदेश’ का गाना ‘ये जो देश है मेरा’ सुना हो तो उसका इंस्ट्रमेंटल ट्रेक भी बिस्मिल्लाह खान की शहनाई की धुन पर तैयार किया गया था. यूं उन्होंने कन्नड़ सुपरस्टार राजकुमार की मूवी ‘सनादि अपन्ना’, सत्यजीत रे की मूवी ‘जलसाघर’ और विजय भट्ट की मूवी ‘गूंज उठी शहनाई’ में योगदान देने का भी मौका मिला था.

5. बिस्मिल्लाह खान शिया थे और इसके चलते कट्टर शियाओं के विरोध का उनको शुरुआत में सामना करना पड़ा था, वो कहते थे कि संगीत इस्लाम में हराम है, लेकिन संगीत उनकी नस-नस में था, वो सरस्वती की पूजा करते थे और संगीत के बिना जिंदा नहीं रह सकते थे. एक बार तो उन्होंने ये भी कहा था, कि जब भी मुझे कहीं शहनाई बजानी होती है, मैं अपनी शहनाई को बाबा विश्वनाथ के मंदिर की दिशा में रखता हूं.

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6. जब देश आजाद हुआ तो शुरुआत के ही किसी साल में उनको दिल्ली बुलाया गया. नेहरूजी ने उनसे कहा कि लाल किले में आपको शहनाई बजाते हुए आगे आगे पैदल चलना है और पीछे-पीछे राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री आदि चलेंगे. तो उनको ये काफी नागवार गुजरा, बोले- मैं हमेशा बैठकर शहनाई बजाता आया हूं, मैं क्यों पैदल शहनाई बजाऊं? केवल आपको आजादी नहीं मिली है, मुझे भी मिली है. तब नेहरूजी ने उन्हें समझाया कि आप ही पैदल नहीं चलोगे, पीछे-पीछे राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री भी चलेंगे और आप उनकी अगुवाई करेंगे, तब वो राजी हुए थे. बाद में पहले गणतंत्र दिवस पर भी बजाई और तब से सालों तक उनकी शहनाई गणतंत्र दिवस पर गूंजती रही.

7. उनकी हमेशा ये कोशिश रहती थी कि वो मोहर्रम के दिन बनारस में ही रहें, उन्हें मोहर्रम के जुलूस में शहनाई बजाना काफी पसंद था, कहते थे, ‘ये सब हुसैन की खिदमत है’. जब वो ह्वील चेयर पर आ गए, तब भी कई बार जब तक मुमकिन हो सका, उन्होंने इस परम्परा को जारी रखा था.

8. उन्हें अपनी शहनाई से बहुत प्यार था, तभी वो उसे अपनी बेगम कहते थे, जब उनको सुपुर्द ए खाक किया गया तो साथ में उनकी एक शहनाई को भी दफना दिया गया था.

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9. बिस्मिल्लाह खान अपने बड़े भाई शमशुद्दीन खान के साथ शुरुआत में जुगलबंदी किया करते थे, दोनों काफी चर्चित हो चले थे, लेकिन शमशुद्दीन की कम उम्र में मौत ने ये जोड़ी तोड़ दी.

10. एक बार उनकी चार शहनाइयां चोरी हो गईं, यूपी पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स ने जांच शुरू की तो पता चला कि उन्हीं के एक नाती ने केवल 17000 रुपये के लिए ये शहनाई चुराई और बेच दीं. तीन शहनाइयां चांदी की थीं और एक लकड़ी की थी, लेकिन उसका बेस चांदी का था. उनके नाती शादाब और वाराणसी के चौक इलाके के 2 ज्वैलर्स को गिरफ्तार किया गया तो पता चला उन्होंने शहनाइयों को गलाकर 1.66 किलो चांदी उसमें से निकाल ली थी.

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