Ramcharitmanas Row: 'मैं शूद्र हूं या नहीं', खुद CM योगी से पूछूंगा ये सवाल', अखिलेश यादव का बयान
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Ramcharitmanas Row: 'मैं शूद्र हूं या नहीं', खुद CM योगी से पूछूंगा ये सवाल', अखिलेश यादव का बयान

Akhilesh Yadav's Statement: समाजवादी पार्टी (SP) के चीफ अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने रामचरितमानस विवाद (Ramcharitmanas Controversy) पर बड़ा बयान दिया है. अखिलेश यादव ने कहा कि वह सीएम से सदन में इस पर सवाल पूछेंगे.

अखिलेश यादव का रामचरितमानस विवाद पर बयान

Ramcharitmanas Controversy: रामचरितमानस (Ramcharitmanas) की चौपाई को लेकर हो रहा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. इस बीच, समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के मुखिया और उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के पूर्व सीएम अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने भी रामचरितमानस विवाद (Ramcharitmanas Controversy) पर अपनी चुप्पी तोड़ी है. अखिलेश यादव ने कहा कि हम भगवान श्री राम (Lord Sri Ram) के विरोध में नहीं हैं और ना ही रामचरितमानस के, लेकिन जो चौपाई (Chaupai) है उसे कोई पढ़कर सुनाए. मैं सदन में मुख्यमंत्री से भी कहूंगा कि वह सुनाएं. सीएम से सदन में पूछूंगा कि मैं शुद्र (Shudra) हूं या नहीं.

गोरी-गजनी से हुई अखिलेश की तुलना

बता दें कि कुछ दिन पहले पूर्व मंत्री और समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरितमानस को लेकर विवादित बयान दिया था. स्वामी प्रसाद मौर्य ने इसकी एक चौपाई को लेकर सवाल उठाए थे, जिससे मुद्दा गर्म हो गया था. वहीं, सपा ने रविवार को जब अपनी राष्ट्रीय कार्यकारिणी का ऐलान किया और स्वामी प्रसाद मौर्य को पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव बना दिया तो बीजेपी हमलावर हो गई और अखिलेश की तुलना मोहम्मद गोरी व मोहम्मद गजनी से कर दी.

यूपी बीजेपी चीफ ने साधा निशाना

यूपी बीजेपी चीफ भूपेंद्र सिंह चौधरी ने अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि उनके इस निर्णय से साबित हो गया है कि वो स्वामी प्रसाद मौर्य के सनातन संस्कृति और हिंदू आस्था पर हमले वाले बयान के साथ हैं. सपा सुप्रीमो के काम मोहम्मद गोरी और मोहम्‍मद गजनी की याद दिलाते हैं. गोरी-गजनी बाहर से आए और सनातन संस्कृति व हिंदुओं की आस्था पर हमले किए, वही काम यहां रह कर सपा सुप्रीमो कर रहे हैं.

क्या है रामचरितमानस विवाद?

जान लें कि सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने बीते 22 जनवरी को एक विवादित बयान में रामचरितमानस की एक चौपाई को उसे पिछड़ों और महिलाओं का अपमान बता दिया था. उन्होंने इस पर बैन लगाने की मांग की थी. मौर्य के इस बयान से बड़ा विवाद पैदा हो गया था. हिंदू संगठनों और संत समाज ने भी इसका विरोध किया था. स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ इस संबंध में केस भी दर्ज हुआ है.

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