Mohan Bhagwat Statement: जाति पर छिड़े विवाद के बीच नेताओं में वार-पलटवार का खेल जारी है. मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) के बयान के बाद सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने जाति-वर्ण को लेकर उनसे सवाल पूछा है.
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Akilesh Yadav Tweet: रामचरितमानस (Ramcharitmanas) की चौपाई को लेकर विवाद के बीच जाति का मुद्दा जोर-शोर से उठ रहा है. इस बीच, सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (Akilesh Yadav) ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) पर निशाना साधा है. मोहन भागवत ने कहा था कि जाति पंडितों ने बनाई है, भगवान ने नहीं बनाई. अब इस पर अखिलेश यादव ने पलटवार किया है. अखिलेश ने एक स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए ट्वीट किया और मोहन भागवत से इंसान के सामने जाति-वर्ण की वस्तुस्थिति को लेकर सवाल पूछ लिया है. उधार सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य भी लगातार हमलावर हैं. आइए जानते हैं कि अखिलेश यादव ने आरएसएस प्रमुख से क्या सवाल किया है.
अखिलेश यादव का भागवत से सवाल
सपा चीफ अखिलेश यादव ने आरएसएस सरसंघचालक मोहन भागवत पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया, 'भगवान के सामने तो स्पष्ट कर रहे हैं कृपया इसमें ये भी स्पष्ट कर दिया जाए कि इंसान के सामने जाति-वर्ण को लेकर क्या वस्तुस्थिति है.'
भगवान के सामने तो स्पष्ट कर रहे हैं कृपया इसमें ये भी स्पष्ट कर दिया जाए कि इंसान के सामने जाति-वर्ण को लेकर क्या वस्तुस्थिति है। pic.twitter.com/xvDDqmKW9i
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) February 6, 2023
मोहन भागवत का जाति पर बयान
जाति को लेकर छिड़े विवाद पर सरसंघचालक मोहन भागवत ने रविवार को मुंबई के एक कार्यक्रम में कहा था कि जाति को भगवान ने नहीं, पंडितों ने बनाया है. भ्रम दूर करना जरूरी है. संत रविदास जयंती पर मोहन भागवत ने ये बयान दिया. मोहन भागवत ने ये भी कहा कि हिंदू समाज जिस वर्ण व्यवस्था में बंटा है. दरअसल, उसको भगवान ने नहीं, पंडितों ने बनाया जो कि गलत है. जातिवाद को लेकर हिंदू समाज को भ्रमित किया गया. इसे दूर करना जरूरी है.
स्वामी प्रसाद मौर्य ने साधा निशाना
वहीं, सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने आरएसएस प्रमुख पर निशाना साधते हुए कहा था कि जाति-व्यवस्था पंडितों की बनाई हुई है. RSS प्रमुख भागवत ने यह कहकर धर्म की आड़ में आदिवासियों, दलितों-पिछड़ों और महिलाओं को गाली देने वाले तथाकथित धर्म के ठेकेदारों और ढोंगियों की कलई खोल दी. कम से कम अब तो रामचरितमानस से आपत्तिजनक टिप्पणी हटाने के लिए आगे आएं.
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