आज हम आपको इस बात का रहस्य बताने जा रहे हैं कि द्रौपदी को एक साथ 5 शादियां क्यों करनी पड़ी थी.
यज्ञकुंड
द्रौपदी पांचल नरेश द्रुपद की पुत्री थी, जिनका जन्म यज्ञकुंड से हुआ था.
खूबसूरत
बताया जाता है कि द्रौपदी पिछले जन्म में काफी खूबसूरत थी.
वर
उनके इतना सुंदर होने के बाद भी उन्हें शादी के कोई लड़का नहीं मिला.
भगवान शिव की तपस्या
इसी के चलते द्रौपदी ने भगवान शिव की तपस्या की और अपने लिए सुयोग्य लड़का मांगा.
सुयोग्य वर
तपस्या से खुश होकर भगवान शिव प्रकट हुए और उन्होंने जल्दी में 5 बार सुयोग्य वर मांग लिया.
भगवान शिव हुए खुश
भगवान शिव ने खुश होकर तथास्तु कह पांच पतियों का वरदान दिया और कहां कि अगले जन्म पांच पति मिलेंगे.
द्रौपदी का स्वयंबर
इस वरदान के चलते अगले जन्म में द्रौपदी का स्वयंबर हुआ और द्रौपदी की अर्जुन से शादी हुई और दोनों माता कुंती के पास गए.
बांटना
वहीं, अर्जुन ने कहा कि देखों मां मैं क्या लेकर आया. मां कुंती को लगा कि अर्जुन किसी वस्तु की बात कर रहा है. ऐसे में कुंती ने कहा कि जो लेकर आए हो वो सभी भाई बांट लो.
पछतावा
वहीं, माता कुंती जब बाहर आई, तो द्रौपदी को देख पछतावा हुआ, लेकिन वह वचन से बंधी हुई थीं.
पांच पति
ऐसे में कुंती के वचन का द्रौपदी ने मान रखते हुए पांचों पतियों को स्वीकार किया.