बूथ रिपोर्ट: चौंका सकते हैं कोटा-बूंदी लोकसभा सीट के परिणाम
Sandhya Yadav
May 02, 2024
हार-जीत की गणित
प्रदेश में दूसरा चरण समाप्त होने के बाद अब हर कोई हार-जीत की गणित में उलझा हुआ है. चाय की दुकान हो या किसी पान की हर जगह लोग अपने अपने नेता को जिताने का दावा कर रहे हैं.
चौंकाने वाले आंकड़े
26 अप्रैल को कोटा बूंदी लोकसभा चुनाव की बूथ एनेलिसिस रिपोर्ट से कई चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं. इस रिपोर्ट के आधार पर माना जा रहा है कि 4 जून को लोकसभा सीट पर चौंकाने वाले परिणाम सामने आ सकते हैं.
कुल 2128 बूथ की रिपोर्ट
कोटा बूंदी लोकसभा क्षेत्र में कुल 2128 बूथ की रिपोर्ट के अनुसार कुल 219 बूथ ऐसे हैं, जिनमें 80 प्रतिशत से अधिक मतदान हुआ है. 80 प्रतिशत से ज्यादा हुए इस मतदान के पीछे राजनीतिक विश्लेषक इसे जातिगत समीकरण मान रहे हैं.
वोटिंग एक लहर
219 में से सर्वाधिक 63 बूथ अकेले रामगंजमंडी में हैं. राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार 80 से अधिक की वोटिंग को एक लहर के रूप में देखा जाता है.
मतदान औसत ठीक रहा
लहर होने के कई कारण हैं, जैसे एंटी इनकंबेंसी, पक्ष या विपक्ष की लहर, या कोई जातीय समीकरण. कई बूथ ऐसे भी रहे हैं, जहां मतदान बेहद कम हुआ है लेकिन अन्य बूथों पर हुए बंपर मतदान से मतदान औसत ठीक रहा.
एक बूथ पर सर्वाधिक मतदान
पूरी लोकसभा में देखा जाए तो ऐसे 219 बूथ जहां 80 प्रतिशत अधिक वोटिंग हुई है उन में से रामगंजमंडी में 63 बूथ, लाडपुरा में 47, कोटा उत्तर में 8, पीपल्दा में 9, कोटा दक्षिण में 6, सांगोद में 36, बूंदी में 35 और केशोरायपाटन में 15 बूथ है. केशोरायपाटन के एक बूथ पर सर्वाधिक 91.26 प्रतिशत तक मतदान हुआ है.
गुंजल ने अपना वोट डाला
वहीं दोनो पार्टियों के प्रत्याशियों के बूथों पर नजर डाली जाए तो कांग्रेस प्रत्याशी प्रह्लाद गुंजल के रामगंजमंडी विधानसभा में आने वाले बूथ संख्या 45 राजकीय सीनियर सेकेंडरी स्कूल धर्मपुरा के कमरा नंबर 1 में 78.69 प्रतिशत मतदान हुआ है, जहां गुंजल ने अपना वोट डाला है.
बूथ संख्या 29 का मतदान
वहीं भाजपा प्रत्याशी ओम बिरला के निवास के निकट दक्षिण विधानसभा में आने वाले बूथ संख्या 29 के स्पिंगडेल्स स्कूल के कमरा नंबर 1 में 66.93 प्रतिशत मतदान हुआ है .
जातिगत समीकरण
इसी बूथ पर भाजपा प्रत्याशी ओम बिड़ला ने वोट डाला है. बूथ एनेलिसिस रिपोर्ट से एक बात तो साफ दिखाई देती है कि ज्यादा वोटिंग इलाकों में कोई लहर, एंटी इनकंबेंसी या जातिगत समीकरण जैसा कोई ना कोई फेक्टर कारगर रहा है.
परिणाम के बारे में कुछ भी कह पाना असम्भव
हालांकि बूथ पर हुई वोटिंग आई आधार पर परिणाम के बारे में कुछ भी कह पाना असम्भव है. असली नतीजा तो 4 जून को मतपेटियों के खुलने पर ही सामने आएगा लेकिन बूथ रिपोर्ट के इन आंकड़ों की झलक चुनाव परिणाम पर जरूर रहेगी.