एक तरफ बूंदी में अवैध रेती परिवहन मामले में CBI की छापेमारी चल रही है, उसके बाद भी कोटा में अवैध खननकर्ता बेखौफ हैं.
चंबल नदी का सीना छलनी
दिनदहाड़े ये अवैध खननकर्ता फॉरेस्ट विभाग की नाक के नीचे चंबल नदी का सीना छलनी कर रहे हैं.
सुल्तानपुर इलाका
ये तस्वीरें कोटा के सुल्तानपुर इलाके की है, जो की पूर्णतः चंबल घड़ियाल अभ्यारण इलाके में आता है.
काली कमाई करने में व्यस्त
चंबल घड़ियाल अभ्यारण इलाकों में जहां की एक कील गिरना भी अपराध की श्रेणी में आता है. वहां पर नदी में ट्रैक्टर उतार कर रेत में माफिया नदी से रेती निकाल कर बाजार में रेती बेचकर काली कमाई करने में व्यस्त हैं.
प्राकृतिक संसाधनों का दोहन
दर्जनों ट्रैक्टर ट्रॉलियां लगातार नदी से रेती निकालने में लगी हुई हैं, जो प्राकृतिक संसाधनों का दोहन करने में लगी हुई हैं.
रेत माफियाओं को नहीं कोई डर
तस्वीरों में आप देख सकते है कि रेत माफियाओं को ना तो पुलिस का भय है, ना फॉरेस्ट विभाग का और ना ही CBI का.
क्या जिम्मेदारों का कहना
हालांकि जब इस मामले पर स्थानीय प्रशासन से बात की गई तो तहसीलदार का कार्यवाही करने को लेकर वही रटा रटाया जवाब था.
बेखौफ होकर रेती निकल रही
इन माफियाओं के बेखौफ होकर रेती निकालने की इन तस्वीरों को देखकर एक बात तय है कि भांग पूरे कुएं में घुली हुई है.
राजकीय संपत्ति लुट रही
इसलिए फॉरेस्ट विभाग के अधिकारी मूक दर्शक बनकर राजकीय संपत्ति की इस लूट को देखने के लिए मजबूर हैं.