15 अगस्त 1947 वो ऐतिहासिक दिन जब भारत देश अंग्रेजी हुकूमत से आजाद हुआ था.
1947 से लेकर अब तक हर साल 15 अगस्त के हम स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाते हैं.
15 अगस्त के दिन हम स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान और देश प्रेम को याद करते हैं.
व्यक्ति की स्वतंत्रता को लेकर गुरुदेव श्री श्री रविशंकर का कहना है कि क्या हम वास्तव में स्वतंत्र हैं.
देश तो अंग्रेजी हुकूमत से आजाद हो गया है लेकिनहम खुद की बेड़ियों से कब आजाद होंगे.
हम तब तक स्वतंत्र होने का दावा नहीं कर सकते जब तक हम अपने मन की बेड़ियों से आजाद नहीं हो जाते. निर्भिकता, खुशी और आत्मविश्वास स्वतंत्रता को इंगित करते हैं.
इस स्वतंत्रता दिवस पर भारत को नशा मुक्त करने का संपल्प ले. केवल जब हम नशा और बुरी आदतों से मुक्त हो सकेंगे तभी वास्तविक स्वतंत्रता का उत्सव मना पायेंगे.
आज पूरा विश्व जिस मानसिक स्वास्थ्य की पीड़ा से गुजर रहा है, देश को उससे मुक्त करें. जीवन में स्फूर्ति लाएं.
जब तक आप आलस्य छोड़कर स्फूर्तिवान नहीं बनेंगे और मेहनत और चतुराई से काम नहीं करेंगे, तब तक आप यह नहीं कह सकते कि आप स्वतंत्र हैं.
आपके जीवन में एक लक्ष्य होना और आपके मन का बिना किसी तनाव, भय, चिंता, बुरी आदतों या नशे की बेड़ियों से मुक्त होना स्वतंत्रता है.