भजन के समय नहीं भटकेगा मन, पढ़ें प्रेमानंद महाराज के ये वचन

Sandhya Yadav
Aug 09, 2024

मन भटकता

अक्सर आपने देखा होगा कि जब कभी आप पूजा करने बैठते हैं तो तुरंत आपका मन इधर-उधर भागने लगता है. जाप के बजाय वह अलग-अलग बातें सोचने लगता है.

सवाल

ऐसा ही सवाल प्रेमानंद महाराज से एक भक्त ने पूछा कि भजन-कीर्तन के समय मन भटक क्यों जाता है? पर प्रेमानंद महाराज ने जो जवाब दिया, वह सभी को पढ़ना चाहिए.

जवाब

इस पर प्रेमानंद महाराज ने जवाब देकर कहा कि जब आप भजन-कीर्तन करते हैं तो आपका मन एकाग्र होता है और उस समय ही आप यह बात समझ पाते हैं कि आपका मन भटक रहा है.

विचरण

प्रेमानंद महाराज के मुताबिक, बाकी समय आप विचरण करते रहते हैं, जिसके कारण मन का भटकना समझ नहीं पाते हैं.

मन से हटकर परमात्मा में जुड़ना चाहता

प्रेमानंद महाराज के अनुसार, भजन के समय हर इंसान मन से हटकर परमात्मा में जुड़ना चाहता है, ऐसे में आप यह समझ जाते हैं कि मन कहीं और जा रहा है.

मन धोखा दे रहा

उन्होंने आगे कहा कि विषयी सोच रखने वाले लोग धर्म के विरुद्ध आचरण तो करते हैं लेकिन यह समझ नहीं पाते कि उनका मन उन्हें धोखा दे रहा है.

मन से सारी गंदगी निकलती

उनका कहना है कि ऐसे लोग मन के मुताबिक सारे काम करते जाते हैं और उन्हें यह सब बहुत अच्छा भी लगता है. वहीं, जब आप भजन करते हैं तो मन से सारी गंदगी निकलती है.

हर समय घर की गंदगी नहीं दिखती

प्रेमानंद महाराज कहते हैं कि वैसे हर समय घर की गंदगी नहीं दिखती है लेकिन जब घर में झाड़ू लगती है तो सारी गंदगी दिखाई देती है.

एकाग्रता की आवश्यकता

नाम जप का अध्यात्म मन को साफ करता है. भजन करते समय मन की गंदगी बाहर निकलती है. इसलिए पूजा के समय बेहद एकाग्रता की आवश्यकता होती है.

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