अलग-अलग पद्धतियों में ढूंढा जा रहा कोरोना का उपचार, यूनानी चिकित्सकों ने बताया ये तरीका
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अलग-अलग पद्धतियों में ढूंढा जा रहा कोरोना का उपचार, यूनानी चिकित्सकों ने बताया ये तरीका

कोरोना वैश्विक महामारी हो चुकी है. पूरा विश्व इससे प्रताड़ित है और ऐसे में अलग-अलग पद्धतियों में इस महामारी का उपचार ढूंढा जा रहा है. एलोपैथी और आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति के बाद यूनानी चिकित्सकों ने भी इस महामारी से लड़ने के लिए कमर कस ली है 

अलग-अलग पद्धतियों में ढूंढा जा रहा कोरोना का उपचार

Chittorgarh: कोरोना वैश्विक महामारी हो चुकी है. पूरा विश्व इससे प्रताड़ित है और ऐसे में अलग-अलग पद्धतियों में इस महामारी का उपचार ढूंढा जा रहा है. एलोपैथी और आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति के बाद यूनानी चिकित्सकों ने भी इस महामारी से लड़ने के लिए कमर कस ली है और इस पद्धति के नुस्खों के आधार पर कार्यरत चिकित्सक लोगों को उपचार मुहैया करा रहे हैं.

एलोपैथिक, आयुर्वेदिक और होम्योपैथी के अतिरिक्त यूनानी चिकित्सा पद्धति भी प्रचलन में है. हालांकि इस पद्धति से उपचार लेने वाले रोगियों की संख्या अन्य पद्धतियों की अपेक्षाकृत कम है लेकिन कोरोना संक्रमण के दौर में हर व्यक्ति कम से कम साइड इफेक्ट वाली दवाएं लेना चाहता है, जिससे कि उसे कोरोना से लड़ने की क्षमता मिले और शरीर के अंगो का नुकसान भी कम हो ऐसे में चित्तौड़गढ़ जिला चिकित्सालय के एक छत परिसर के अंतर्गत संचालित यूनानी चिकित्सालय में मरीजों की आवाजाही बढ़ने लगी है.

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यह कार्य चिकित्सक डॉ ए एम गोरी बताते हैं कि आयुष पद्धति के अनुरूप ही यहां पर भी लोगों को काढ़ा दिया जाता है जो जोशांदा के नाम से जाना जाता है, इसमें विभिन्न आवों को इकट्ठा कर उपयोग में लिया जाता है साथ ही कुछ दवाएं बुखार-जुखाम और प्रतिरोधक क्षमता के लिए दी जा रही है जो कोरोना संक्रमण में भी लाभकारी है और वह बिना किसी साइड इफेक्ट से अपना काम कर रही है.
 
वहीं कोरोना संक्रमण से स्वस्थ हुए लोगों में भी पोस्ट कोविड समस्याओं (Post Covid Problems) को लेकर परेशानियां सामने आ रही है. अधिकांश रोगी ऐसे हैं जो स्वस्थ हो गए हैं, लेकिन उनकी खासी सही नहीं हो पा रही है. ऐसे यूनानी चिकित्सक डॉक्टर ए एम गोरी ने यूनानी चिकित्सा पद्धति के कारगर नुस्खे के आधार पर ए कैप्सूल बनाया है जो उनके शास्त्रों में उल्लेखित और इसका 100% फायदा पोस्ट कोविड-19 के प्रभावित लोगों को मिल रहा है. इसी के साथ रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में भी यह सहायक हो रहा है. 

कुल मिलाकर चिकित्सा पद्धति कोई भी हो हर कोई अपने स्तर पर इस बात का प्रयास कर रहा है कि कोरोना संक्रमण की रोकथाम की दिशा में काम किया जाए और इस महामारी को नियंत्रित करने के लिए कारगर उपाय ढूंढ कर लोगों को लाभ पहुंचाया जाए.
Report- Deepak Vyas

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