Dungarpur: इस वर्ष नहीं लगेगा आदिवासियों का प्रयाग-बेणेश्वर धाम, सांकेतिक रूप से होगी पदयात्रा
Advertisement

Dungarpur: इस वर्ष नहीं लगेगा आदिवासियों का प्रयाग-बेणेश्वर धाम, सांकेतिक रूप से होगी पदयात्रा

डूंगरपुर जिले के अतिरिक्त जिला कलेक्टर कृष्णपाल सिंह ने बताया कि प्रतिवर्ष माघ पूर्णिमा पर बेणेश्वर में आदिवासियों का महाकुम्भ बेणेश्वर राष्ट्रीय जनजाति मेले का आयोजन किया जाता है. 

प्रयाग-बेणेश्वर धाम

Dungarpur: प्रदेश के वागड़ अंचल के सोम जाखम माही नदियों के त्रिवेणी संगम बेणेश्वर तीर्थ स्थल पर प्रतिवर्ष माघ पूर्णिमा पर आयोजित होने वाला राष्ट्रीय बेणेश्वर जनजाति  मेला इस बार आयोजित नहीं होगा. साथ ही उससे पहले निकलने वाली पदयात्रा भी सांकेतिक रूप से निकाली जाएगी. डूंगरपुर जिला प्रशासन और बेणेश्वर धाम ट्रस्ट ने बढ़ते कोरोना संक्रमण देखते हुए यह निर्णय लिया है.

यह भी पढ़ें - शादी के बाद टूट गए दूल्हे के सपने, दुल्हन ने कर दिया ये हैरान कर देने वाला कांड

डूंगरपुर जिले के अतिरिक्त जिला कलेक्टर कृष्णपाल सिंह ने बताया कि प्रतिवर्ष माघ पूर्णिमा पर बेणेश्वर में आदिवासियों का महाकुम्भ बेणेश्वर राष्ट्रीय जनजाति मेले का आयोजन किया जाता है. राष्ट्रीय मेले में राजस्थान, गुजरात, एमपी और महाराष्ट्र से लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं. जिससे मेले में काफी भीड़ रहती है. इधर प्रदेश में बढ़ रहे कोरोना संक्रमण को देखते हुए इस वर्ष बेणेश्वर मेले को स्थगित करने का निर्णय लिया गया है. 

उन्होंने बताया कि इस संबंध में बेणेश्वर धाम ट्रस्ट की बैठक महंत अच्युतानंद महाराज की अध्यक्षता में हो चुकी है और उस बैठक में कोरोना संक्रमण से आमजन के बचाव के लिए जनहित में मेला स्थगित करने और मेले से एक माह पहले निकाली जाने वाली पदयात्रा को भी सांकेतिक रूप से निकालने का निर्णय लिया गया है. एडीएम चौहान ने बताया कि  इस दौरान किए जाने वाले सांस्कृतिक और खेलकूद आयोजनों को भी स्थगित रखा जाएगा. उन्होंने बताया कि इस दिशा में समय-समय पर जारी अन्य दिशा-निर्देशों के अनुसार कार्य किया जाएगा. वहीं उन्होंने बताया की बेणेश्वर धाम पर दर्शनार्थियों को मंदिर में दर्शन उपलब्ध रहेंगे जिसमें कोविड-19 एडवायजरी और गाईडलाईन्स का पूर्ण पालन करना होगा. गौरतलब है कि इस वर्ष 16 जनवरी को पौष पूर्णिमा पर पदयात्रा का आयोजन होना था वहीं 16 फरवरी माघ पूर्णिमा को बेणेश्वर मुख्य मेला का आयोजन होना था.

मंदिर से जुड़े हुए जितने भी ट्रस्टी है और जितने श्रद्धालु, मेट, कोतवाल और पुजारी लोग उनकी बैठक मंदिर के स्तर पर ही बुलाई गई थी. जिला प्रशासन के निर्देश और जो कोविड की नई गाइड लाइन आई है उसके अनुसार सारे धार्मिक उत्सव, मेले, त्यौहार यह सब प्रतिबंधित की गई है. इसी परिद्रश्य में इस मेले को भी और इसकी पदयात्रा को स्थगति करने का निर्णय लिया गया है. वहीं पदयात्रा केवल सांकेतिक रूप में निकाली जाएगी.

Reporter: Akhilesh Sharma

Trending news