सचिन पायलट के गढ़ में बिखरी-बिखरी कांग्रेस, अब तो कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने भी छोड़ा साथ
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सचिन पायलट के गढ़ में बिखरी-बिखरी कांग्रेस, अब तो कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने भी छोड़ा साथ

Tonk News : विधायक सचिन पायलट ( Sachin Pilot ) की विधानसभा मुख्यालय पर यह प्रदर्शन बेनूर नजर आया. विधायक हरीशचंद्र मीना,निवाई विधायक प्रशांत बैरवा,विप्र कल्याण बोर्ड अध्यक्ष महेश शर्मा भी नहीं आए.

सचिन पायलट के गढ़ में बिखरी-बिखरी कांग्रेस, अब तो कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने भी छोड़ा साथ

Tonk News : अडानी घोटाले को लेकर आज प्रदेशभर में कांग्रेस ने एलआईसी कार्यालय के बाहर धरना देकर विरोध प्रदर्शन किया. तो वहीं राजस्थान की सबसे चर्चित विधायक सचिन पायलट ( Sachin Pilot ) की विधानसभा मुख्यालय पर यह प्रदर्शन बेनूर नजर आया. जिस पायलट की आहट से हजारों लोगों की भीड़ दौड़ी चली आती है. वहीं बिना पायलट के कांग्रेस के धरने प्रदर्शन मात्र खानापूर्ति बनकर नजर आ रहै है.

ऐसा ही नजारा आज उस समय नजर आया जब टोंक जिला मुख्यालय पर आयोजित धरने प्रदर्शन में गिनती के कांग्रेसी दिखे. एक ओर जहां नगर पालिकाओं के चैयरमेन नजर नहीं आए तो वहीं विरौधी खेमे के पूर्व जिलाध्यक्ष और उनकी टीम भी इस धरने प्रदर्शन से दूरी बनाए रखी. वहीं जिस तरह से धरने प्रदर्शन को लेकर जिला कांग्रेस कमेटी की ओर से मैसैज जारी किया गया था कि देवली उनियारा विधायक हरीशचंद्र मीना,निवाई विधायक प्रशांत बैरवा,विप्र कल्याण बोर्ड अध्यक्ष महेश शर्मा शामिल होंगे लेकिन तीनों की नेताओं के नहीं आने से कई कांग्रेसी तो घंटाघर चौराहे पर प्रदर्शन के दौरान ही नारेबाजी कर घर लौट गए. जब संगठन प्रभारी महेंद्र खेड़ी से कांग्रेस की इस गुटबाजी पर सवाल पूछा गया तो राहुल गांधी की भारत जोड़ों यात्रा और दूसरे आयोजनों का राग अलापने लगे.

वहीं अजमेर में आरटीडीसी चेयरमैन धर्मेंद्र राठौर ने कहा कि अडानी के इस घोटाले को लेकर जांच की जानी चाहिए और इसे लेकर तमाम जिला मुख्यालय पर विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है. इसे लेकर देश के प्रधानमंत्री को जवाब देना चाहिए जनता उनसे इस घोटाले को लेकर सवाल पूछ रही है. वहीं उन्होंने कहा कि देश में 2 उद्योगपति ही सरकार चला रहे हैं. यह जानकारी राहुल गांधी लंबे समय से दे रहे हैं लेकिन सरकार इस पर कोई ध्यान नहीं दे रही थी और अब जनता के सामने सब मस्त हो गया है राजस्थान में हुए निवेश को लेकर उन्होंने कहा कि नियमों में रहते हुए अगर निवेश किया जाता है तो उसमें कोई परेशानी नहीं है लेकिन जनता को अंधेरे में रख निवेश की आड़ में अगर घोटाले होंगे तो यह बर्दाश्त नहीं होगा.

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