टोंक में बंदरों का आतंक, किसी का फोड़ा सर तो किसी के घर से सामान लेकर हुए चंपत
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टोंक में बंदरों का आतंक, किसी का फोड़ा सर तो किसी के घर से सामान लेकर हुए चंपत

Tonk News: टोंक में ग्रामीण बंदरों के आतंक से परेशान है. ग्रामीणों ने कई बार ग्राम पंचायत सरपंच और जिला प्रशासन को शिकायत की लेकिन अब तक समाधान नहीं हुआ है. बंदरों ने बुजुर्गों पर हमले कर उनकों लहुलुहान कर दिया.

टोंक में बंदरों का आतंक, किसी का फोड़ा सर तो किसी के घर से सामान लेकर हुए चंपत

Tonk News: टोंक जिले में चंदलाई ग्राम पंचायत के बिचपुड़ी गांव में ग्रामीण पिछले छह महीनों से ग्राम पंचायत सरपंच और विकास अधिकारी की अनदेखी और लापरवाही का दंश झेल रहे हैं. हालत यह है कि ग्रामीण बंदरों के आतंक से परेशान हैं. ग्रामीणों की मानें तो की बार बार ग्राम पंचायत सरपंच और जिला प्रशासन को शिकायत की लेकिन अब तक समाधान नहीं हुआ. जब हालातों का जायजा लेने हमारे संवाददाता पहुंचे तो आप भी यह पढ़कर कर सन्न रह जाएंगे. 

बंदरों ने कई बुजुर्गों और बच्चों पर हमला कर दिया. इस हमले में एक बुजुर्ग के सिर को तो बंदरों ने इतना नोंच लिया कि एक हिस्सा में पूरी तरह से गहरे घाव हो गया. वहीं कई मासूम बच्चों को झपट्टा मारकर नोंच दिया. हालात यह है कि स्कूली बच्चों को घर में बैठकर पढ़ाई करने में भी डर लगता है तो वहीं बुजुर्ग तो अपना घर छोड़कर गांव से ही चले गए.

जिन हाथों में किताब होनी चाहिए उन हाथों में लाठियां
जिन हाथों में किताब और कलम होनी चाहिए थी लेकिन हाथों में लाठियां लेकर इधर उधर दौड़ते युवा किसी गैंग या गिरोह के गुर्गे नहीं हैं. ना यह कोई बाहूबली है जो किसी को डराने धमकाने का काम करते हैं. हम आपको जब इन लाठियों की वजह बताएंगे तो आप भी जानकर हो सकता है कि ठहाके लगा बैठे. लेकिन ठहाके लगाने से पहले इनकी दहशत को समझिए. यह आपके लिए मामूली बात हो सकती है. लेकिन इनकी दिल और दिमाग में ऐसी दहशत है कि परिवार तो परिवार गांव के लोग अब गांव छोड़ने को मजबूर हो रहे हैं.

बंदरों के आंतक से दहशत में ग्रामीण
दरअसल टोंक जिला मुख्यालय से महज 10 किमी की दूरी पर स्थित चंदलाई ग्राम पंचायत के बिचपुड़ी गांव का है. जहां पिछले करीब 8 महीनों से ग्राम पंचायत सरपंच और विकास की अनदेखी और उदासीनता से ग्रामीण बंदरों के आंतक से दहशत में हैं. ऐसा नहीं है कि देश और प्रदेश में बंदरों का आतंक कोई नई समस्या हो. समय के साथ जंगल घटते जा रहे हैं तो वन्य जीव घनी आबादी में अपना आसरा खोज रहे हैं. और इनकी यह तलाश आमजन और बंदरों के बीच टकराव की वजह से गांव के इन लोगों में दहशत का विषय बनी हुई है. 

हालत इतने बदतर है कि बंदरों ने बुजुर्गों पर हमले कर उनकों लहुलुहान कर दिया. एक बुजुर्ग के सिर पर ऐसा झपट्टा मारा कि सिर के एक हिस्से में गहरा घाव हो गया. बड़ी मुश्किल से जान बच पाई. लेकिन अभी भी घाव का उपचार चल रहा है. वहीं बुजुर्ग महिलाओं पर घर की छत पर चढ़ते ही हमले कर रहे हैं जिसमें की महिलाएं घायल हो चुकी है. इतना ही नहीं घर में खेलते मासूम बच्चों तक को उठा कर ले जाते हैं और उन पर झपट्टा मारकर घायल कर देते हैं.

जिला प्रशासन की अनदेखी 
इतना ही नहीं घर में रहने वाले बच्चे,युवा,महिलाएं और बुजुर्ग अब हर समय हाथों में किताब, कलम के साथ लाठियां हाथ में लेकर पढ़ने को मजबूर है. ग्रामीणों की मानें तो की बार ग्राम पंचायत के सरपंच और जिला प्रशासन को शिकायत कर पीड़ा सुना चुके हैं. लेकिन मजाल है कोई समस्या समाधान के लिए इनके दर को तो छोड़ गांव में भी आया हो. अब जी राजस्थान की खबर के बाद उम्मीद यह है कि लापरवाह ग्राम पंचायत के विकास अधिकारी,सरपंच और अन्य जिम्मेदारों पर कार्रवाई होगी.

 

 

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