श्रीमाधोपुर इलाके के मूंडरू में श्रद्धा और आस्था का प्रतीक भगवान नरसिंह लीला महोत्सव बीती रात को बड़े धूमधाम और उत्सव के साथ मनाया गया. बुधवार सुबह 6 बजे भगवान नरसिंह का प्रकाट्य हुआ.
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Srimadhopur: सीकर जिले के श्रीमाधोपुर इलाके के मूंडरू में श्रद्धा और आस्था का प्रतीक भगवान नरसिंह लीला महोत्सव बीती रात को बड़े धूमधाम और उत्सव के साथ मनाया गया. बुधवार सुबह 6 बजे भगवान नरसिंह का प्रकाट्य हुआ.
कोरोना के कारण पूरे 2 साल बाद हुए इस आयोजन का ग्रामीणों को होली दीपावली के त्योहार से भी ज्यादा लीला महोत्सव का बेसब्री से इंतजार था. नरसिंह लीला में दिल्ली, कोलकाता और मुंबई से भी प्रवासी लोग दर्शनों के लिए पहुंचे. बुधवार सुबह भगवान नरसिंह के प्राकट्य का अभिनय देखकर श्रद्धालु भाव विभोर हो गए और भगवान नरसिंह जी के जयकारों से मूंडरू कस्बा गूंज उठा.
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भगवान नरसिंह जी की महा आरती की गई. वहीं, मध्य रात्रि को रात भर भगवान विष्णु के 24 अवतारों की लीला का मूकाभिनय देखने के लिए मूंडरू कस्बे के बिहारी जी मंदिर के पास कौलड़ी चौक में हजारों लोग डटे रहे. इससे पहले भगवान राम दरबार की पालकी निकाली गई, जिसको उठाने के लिए लोगों में होड़ सी मच गई. इसमें सर्व समाज के लोग शामिल हुए.
नरसिंह मंदिर के पुजारी महावीर प्रसाद शर्मा ने बताया कि बुधवार को घर पहुंचने पर की चूरमा का भोग लगाकर भक्तों ने पूजा-अर्चना कर गांव के लोगों ने मन्नते मांगी. नरसिंह लीला का मूकाभिनय मंचन रात भर किया गया. पालकी पर सवार होकर आई भगवान राम दरबार की झांकी मुख्य आकर्षण का केंद्र रही.
भगवान विष्णु के 24 अवतारों की झांकियां सजाई गई, मंच पर 24 अवतारों के मुखोटे धारण करके नृत्य शैली में मंचन किया गया, जिसे देखकर हर कोई श्रद्धालु श्रद्धा से रोमांचित हो उठा.
इस दौरान परशुराम के उग्र क्रोध, सीता स्वयंवर, शकासुर का वेदों का हरण, मच्छवतार, हिरण्याकश्यप वध, सागर मंथन कृष्णावतार, कंस और कडायतीर हाथी के वध, इंद्र भगवान की सवारी के प्रसंग का मंचन को देखने के लिए दूर-दूर से हजारों की संख्या में लोग उमड़ पड़े.