सवाईमाधोपुर स्थित रणथम्भौर जोन2 में बाघिन टी 60 घायल.पर्यटकों ने बाघिन की फोटो कैमरे में कैद की, इस दौरान फोटो में पर्यटकों को बाघिन के कान के पास घाव नजर आया. इसके बाद पर्यटकों ने ये फोटो वन विभाग के अधिकारियों को उपलब्ध कराए.
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Sawai-madhopur: सवाईमाधोपुर स्थित रणथम्भौर जोन2 से एक बुरी खबर सामने आ रही है. रणथंभौर के जोन नम्बर दो की बाघिन टी 60 घायल है. बाघिन के कान के पास गहरा घाव है, जो करीब दस दिन पुराना बताया जा रहा है. जानकारी के अनुसार रणथंभौर भ्रमण पर गए पर्यटकों को जोन नंबर दो पर एक वाटर हॉल में बाघिन टी-60 बैठी हुई नजर आई. ऐसे में पर्यटकों ने बाघिन की फोटो कैमरे में कैद की, इस दौरान फोटो में पर्यटकों को बाघिन के कान के पास घाव नजर आया. इसके बाद पर्यटकों ने ये फोटो वन विभाग के अधिकारियों को उपलब्ध कराए. इसके बाद वन विभाग के अधिकारी हरकत में आए और विभाग की टीम आनन फानन में मौके पर पहुंची, लेकिन टीम को बाघिन नजर नहीं आई.
इसके बाद एहतियात के तौर पर वन विभाग ने जोन2 को पर्यटकों के लिए बंद कर दिया. बाद में जब बाघिन मिल गई तो वन विभाग की टीम ने बाघिन को ट्रंकुलाइज कर उसका उपचार कराया. वन विभाग की टीम उपचार बाद से ही बाघिन की लगातार मॉनिटरिंग कर रहा है. सूत्रों के अनुसार हालांकि अब बाघिन के हालात में सुधार है.
वन विभाग की मॉनिटरिंग व ट्रेकिंग पर खड़े हुए सवाल
पर्यटकों द्वारा वन विभाग को बाघिन के घायल होने की सूचना देने से एक बार फिर वन विभाग की मॉनिटरिंग व ट्रेकिंग पर सवाल खड़े हो रहें हैं. पूर्व में भी पर्यटकों द्वारा कई बार इस तरह की सूचनाएं वनाधिकारियों को दी जाती रही हैं. ऐसे में वन विभाग की मॉनिटरिंग पर सवाल उठना लाजमी है. रणथंभौर में वन विभाग का बाघ-बाघिनों की अपेक्षा ज्यादातर ध्यान पर्यटन पर रहता है ,ऐसे में कई मर्तबा यहां बाघ-बाघिनों के जीवन पर संकट खड़ा हो जाता है. पूर्व में जोन सात में विचरण करने वाली बाघिन टी-61 घायल हो गई थी. उस समय बाघिन के पैर में घाव था और वह लंगड़ाकर चल रही थी, उस समय भी वन विभाग को पर्यटकों ने ही जानकारी दी थी.
विभागीय अधिकारियों के अनुसार बाघिन करीब 10-12 दिन पूर्व घायल हुई थी. इसके बाद एहतियात के तौर पर जोन को बंद कर दिया गया था और बाघिन का उपचार भी कराया गया. अब बाघिन की हालत में सुधार है.
Reporter - Arvind Singh
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