राजसमंद: ये क्या मामला, एक आदमी के खेत से रास्ता निकालने पर क्यों अड़ा पूरा गांव ?
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राजसमंद: ये क्या मामला, एक आदमी के खेत से रास्ता निकालने पर क्यों अड़ा पूरा गांव ?

Rajsamand News: राजसमंद जिले के पीपली अहिरान पंचायत के मेघाखेड़ा गांव में रास्ते को लेकर  कुछ ग्रामीणों ने कलेक्ट्रेट पर धरना दिया था.जिसमें पेमाखेड़ा-मेघाखेड़ा गांव की आवाजाही का रास्ता अभी खुला है. 

राजसमंद: ये क्या मामला, एक आदमी के खेत से रास्ता निकालने पर क्यों अड़ा पूरा गांव ?

Rajsamand News: राजसमंद जिले के पीपली अहिरान पंचायत के मेघाखेड़ा गांव में रास्ते को लेकर नया पेच सामने आया है। रास्ता विवाद को लेकर दो दिन पहले कलेक्ट्रेट पर कुछ ग्रामीणों ने धरना दिया था.जिसमें सामने आया है कि पेमाखेड़ा-मेघाखेड़ा गांव की आवाजाही का रास्ता अभी खुला है और लोगों की आवाजाही भी जारी है.

राजस्व रिकॉर्ड के अनुसार आम रास्ता खेत के बीच से गुजर रहा है जबकि कई सालों से 10-15 फीट दूरी पर उसी खातेदार के खेत से रास्ता खुला हुआ होकर ग्राम पंचायत उसपर ग्रेवल भी डलवा चुका है.जिस रास्ते को खेत के बीच में ही दस से पन्द्रह फीट इधर उधर खिसकाने की कार्रवाई प्रशासन के जरिए अब की जा रही है. वहां फिलहाल रास्ता बहाल है.

 मामला पहले से कोर्ट में 
जानकारी के अनुसार ग्रामीण जिस जगह रास्ते की मांग कर रहे हैं वह निजी खातेदार का है जिसका मामला पहले से एसडीएम कोर्ट, एडीएम कोर्ट और हाईकोर्ट में विचाराधीन है.साथ ही ग्राम पंचायत पीपली अहिरान के जरिए भी निजी खेत और नाले में सड़क बनाने का टेंडर जारी कर निर्माण कार्य शुरू कर दिया.जबकि ग्राम पंचायत के जरिए न तो सड़क के लिए जगह का अधिग्रहण किया और न ही खातेदार से सड़क के लिए कोई सहमति पत्र ही लिया.इससे ग्राम पंचायत पीपली अहिरान की भूमिका भी संदेह के दायरे में आ गई है.

बंद रास्ते को खोलने की मांग उठाई
बता दें कि मेघाखेड़ा के ग्रामीणों ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर धरना दिया और भंवरसिंह चुंडावत के खेत पर दक्षिण दिशा में बंद रास्ते को खोलने की मांग उठाई, जो मामला पहले से ही उपखंड मजिस्ट्रेट औरघ अतिरिक्त जिला कलक्टर मजिस्ट्रेट और हाईकोर्ट में विचाराधीन है.जिस जगह ग्रामीण रास्ता खुलवाने की मांग है, उसके पास नाले में ग्राम पंचायत पीपली अहिरान द्वारा नाला निर्माण के लिए नींव खोदकर कुछ निर्माण कार्य शुरू भी कर दिया, जबकि मौके पर न तो सरकारी जमीन है और न ही निजी खातेदार से सड़क बनाने के लिए सहमति ली.

फिलहाल यह मामला न्यायालय में विचाराधीन होने से प्रशासन द्वारा भी कोई दखल नहीं की गई. हालांकि खेत के दूसरे छोर पर जहां पर पेमाखेड़ा-मेघाखेड़ा गांव में आवाजाही का रास्ता खुला हुआ है जहां से ग्रामवासी पैदल, बाइक, कार व ट्रेक्टर की आवाजाही हो रही है.मेघाखेड़ा गांव में रास्ता राजस्व रिकॉर्ड के अनुसार उसी खेत में कुछ दूरी आगे खड़ी फसल से होकर गुजर रहा है, जबकि मौके पर भी रास्ता उसी खेत से खुला हुआ है.,अगर यह रास्ता दूसरी जगह है, तो फिर निजी खातेदार की जमीन से गुजर रहे उस रास्ते पर ग्राम पंचायत पीपली अहिरान द्वारा ग्रेवल सड़क का निर्माण कैसे कर दिया गया.

साथ ही खड़ी फसल नष्ट कर मौजूदा रास्ते को उसी खेत में कुछ दूरी पर शिफ्ट करने से क्या लोगों की समस्या का समाधान हो जाएगा, यही यक्ष सवाल उठ रहा है। इससे अब इस पूरे मामले को लेकर कई तरह के सवाल खड़े हो गए हैं.

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