सहेली के घर गई थी नाबालिग, भाई ने जबरन कमरे में बंद कर किया रेप, अब होगा पश्चाताप
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सहेली के घर गई थी नाबालिग, भाई ने जबरन कमरे में बंद कर किया रेप, अब होगा पश्चाताप

Rajsamand Crime News : दोपहर में वह अपनी सहेली के घर उसको नोटबुक देने गई तो वहां उसकी सहेली का भाई प्रकाश था, जिस ने कहा कि घर पर कोई नहीं है जिस पर वह लोट कर अपने घर आने लगी तो प्रकाश उसे जबरदस्ती पकड़कर अपने घर के अंदर ले गया और अपने हाथ से उसका मुंह बंद कर दिया और उसके साथ जबरदस्ती रेप किया. 

 

सहेली के घर गई थी नाबालिग, भाई ने जबरन कमरे में बंद कर किया रेप, अब होगा पश्चाताप

Rajsamand Crime News : नाबालिग बालिका से दुष्कर्म के आरोपी प्रकाश पुत्र भेरू लाल मेघवाल निवासी बोरड पुलिस थाना चारभुजा को पोक्सो कोर्ट राजसमंद के विशिष्ट न्यायाधीश सुनील कुमार पंचोली ने 20 वर्ष के कठोर कारावास और ₹21000 जुर्माने की सजा से दंडित किया. विशिष्ट लोक अभियोजक राहुल सनाढ्य ने बताया कि दिनांक 28 जनवरी 2020 को पीड़िता के पिता ने थानाधिकारी पुलिस थाना चारभुजा के समक्ष एक लिखित रिपोर्ट पेश की कि वह मजदूरी के लिए राजसमंद रहता है, घर पर गांव में उसकी मां पत्नी व तीन बच्चे रहते हैं.

28 जनवरी 2020 को उसके पास उसकी पत्नी का फोन आया व घर जल्दी आने को कहा, जिस पर वह घर आया तो उसकी 14 वर्षीय पुत्री पीड़िता ने बताया कि कल दिनांक 27 जनवरी 2020 को दोपहर में वह अपनी सहेली के घर उसको नोटबुक देने गई तो वहां उसकी सहेली का भाई प्रकाश था, जिस ने कहा कि घर पर कोई नहीं है जिस पर वह लोट कर अपने घर आने लगी तो प्रकाश उसे जबरदस्ती पकड़कर अपने घर के अंदर ले गया और अपने हाथ से उसका मुंह बंद कर दिया और उसके साथ जबरदस्ती रेप किया और उसे धमकी दी कि उसने यह बात किसी को बताई तो उसे जान से मार देगा उसके बाद वह घर आ गई.

 रिपोर्ट पर पुलिस थाना चारभुजा द्वारा प्रकरण पंजीबद्ध किया जा कर आवश्यक अनुसंधान पूर्ण कर पोक्सो न्यायालय में अभियुक्त प्रकाश के विरुद्ध आरोप पत्र पेश किया गया. पोक्सो न्यायालय में राज्य सरकार व पीड़िता की ओर से पैरवी करते हुए विशिष्ट लोक अभियोजक राहुल सनाढ्य ने 23 गवाह परीक्षित करवाएं और 28 दस्तावेज प्रदर्शित करवाए गए. न्यायालय द्वारा दोनों पक्षों की बहस सुनने के पश्चात अभियुक्त प्रकाश मेघवाल को धारा 342 भारतीय दंड संहिता, धारा 376 ( 3) भारतीय दंड संहिता और धारा 3/4 पोक्सो एक्ट के आरोपों में दोषसिद्ध घोषित किया गया.

सजा:-
धारा 342 भा द स :- 1 वर्ष का कठोर कारावास और 1000/- जुर्माना

धारा 376(3) भा द स:- 20 वर्ष का कठोर कारावास और 20,000/- जुर्माना

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