पाली, जोधपुर, बाड़मेर और नागौर में लूट के आरोपी राकेश बिश्नोई और प्रकाश जाट गिरफ्तार
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पाली, जोधपुर, बाड़मेर और नागौर में लूट के आरोपी राकेश बिश्नोई और प्रकाश जाट गिरफ्तार

Pali News: जिला पुलिस अधीक्षक पाली डॉ. गगनदीप सिंगला ने बताया कि बैंक में लूज और अन्य वारदतों को अंजाम देने वाले आरोपी राकेश बिश्नोई और प्रकाश जाट को गिरफ्तार कर लिया गया है. इनसे पूछताछ चल रही है.

 

पाली, जोधपुर, बाड़मेर और नागौर में लूट के आरोपी राकेश बिश्नोई और प्रकाश जाट गिरफ्तार

Pali, sojat: सोजत पुलिस उप अधीक्षक मृत्युंजय मिश्रा और शिवपुरा थाना अधिकारी महेश गोयल सहित कई पुलिसकर्मियों को बंदूक, चाकू की नोक पर अपराधिक वारदात को अंजाम देने वाली एक बड़ी गैंग पर पर्दाफाश करने की सफलता हासिल हुई है. जिसका खुलासा पाली एसपी गगनदीप सिंगला ने सोजत थाने में किया.

जिला पुलिस अधीक्षक पाली डॉ. गगनदीप सिंगला ने बताया कि पाली जिला में कस्बा जाडन में 17 नवंबर 22 को स्टेट बैंक ऑफ इण्डिया के प्रबंधक संदीप सरस्वा पुत्र सालग राम ने थाना शिवपुरा पर एक लिखित रिपोर्ट दी कि सुबह करीब 10.30 बजे दो नकाशपोश युवक हैलमेट पहने हुए बैंक में दाखिल हुए और अन्दर आते ही एक युवक ने पिस्तौल निकाल कर बैंक स्टाफ पर तान दी और दुसरे युवक ने जिसके पास चाकू था स्टाफ को धमकाया और स्टाफ को जान से मारने की धमकी देते हुए बैंक कैशियर से 3 लाख 33 हजार 05 सौ पैसठ रुपये अपने बैग में डालकर वहां से भाग गए. वगैरा रिपोर्ट प्रकरण संख्या 151  17 नवंबर 22 धारा 392 / 34 भादस पुलिस थाना शिवपुरा में दर्ज कर थानाधिकारी पुलिस थाना शिवपुरा द्वारा अनुसंधान प्रारम्भ किया.

सफलता की शुरूआती बढ़त 

जनवरी 2023 की शुरूआत में गौतम मुआ 531 प्रभारी साईबर सैल, कार्यालय पुलिस अधीक्षक पाली और रमेश बंजारा कानि 1369 पुलिस थाना ट्रांसपोर्ट नगर पाली को अपने मुखबिरों से सूचना मिलीं की राकेश बिश्नोई पुत्र श्रीराम बिश्नोई निवासी आनन्द नगर पाली और सुरेन्द्र पुत्र लक्ष्णमराम जाति जाट निवासी राधाकृष्ण मन्दिर के पास भालेलाव रोड राजेन्द्र विस्तार पाली की गतिविधियां संदिग्ध हैं. इनके पास आय के स्त्रोत नही होते हुए भी ये लोग देर रात्रि अपने दोस्तों के साथ महगी शराब की पार्टिया करते हैं व ऐशो आराम की जिन्दगी जी रहे हैं और इनकी आर्थिक स्थिति में अचानक परिवर्तन आया हैं. इसके अलावा राकेश बिश्नोई के पास एक अपाची मोटर साईकिल भी थी जो जाउन स्थित बैंक की लूट की वारदात के पश्चात वह मोटर साईकिल इनके पास नहीं दिखी. इनकी गतिविधियों से प्रतित होता हैं कि उक्त लोगो की गैंग ने जाउन बैंक लूट की घटना की है.

पुलिस टीम का गठन

उक्त सूचना विश्वसनिय होने से संदिग्धों पर गहन निगरानी रखने के लिए बगलाल मीणा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पाली के निर्देशन में और मृत्यूजय मिश्रा उप अधीक्षक पुलिस वृत सोजत के पर्यवेक्षण मे महेश गोयल थानाधिकारी पुलिस थाना शिवपुरा, पन्नाराम उप निरीक्षक, पुलिस व गौतम आचार्य मुख्य आरक्षक न. 531 साईबर सैल के नेतृत्व में टीमों का गठन किया गया. दौरान निगरानी गठित टीम के सदस्यों द्वारा इन पर निगरानी रखी गई तो इनकी जाडन में स्थित बैंक लूट की घटना व अन्य लूट की घटनाओं में सम्मलित होने की संभावना प्रबल हुई.

गठीत टीम द्वारा की गई कार्रवाई का विवरण 

गठीत टीमों द्वारा संदिग्धों पर प्रारम्भिक और नवीन तरीकों से संदिग्धों की गतिविधियों सघन निगरानी रखी गई तथा उनके उठने बैठने के स्थानों को गोपनीयता से चिन्हित करते हुए पाली शहर के अलग अलग क्षेत्र से राकेश सहित अन्य सदिग्धों को दस्तयाब किया जाकर इनसे वारदात के बारे में पृथक पृथक पूछताछ की गई.  पूछताछ के दौरान सभी ने इस घटना में सम्मलित होने से इंकार किया लेकिन सघन पूछताछ करने पर राकेश बिश्नोई ने जाड़न की बैंक लूट में स्वयं को संलिप्त होना स्वीकार किया साथ ही बताया कि इस घटना में उसके साथ प्रकाश पुत्र भुण्डाराम जाति जाट निवासी भावी थाना बिलाड़ा जिला जोधपुर ग्रामीण संलिप्त है. 

इसके अलावा स्वीकार किया कि अन्य जगहों की विभिन्न बैंक व शराब ठेकों पर नकदी की लूट की वारदातों में स्वयं के अलावा प्रकाश जाट और  प्रकाश के सगे भाई दिनेश और सुरेश मेघवाल निवासी भावी की संलिपत्ता को स्वीकार किया, इसके बात दोनों टीमों द्वारा भावी पहुँच संदिग्धों के निवास स्थान से दबिश देकर प्रकाश जाट दिनेश जाट और सुरेश मेघवाल को दस्तयाब करते हुए समस्त दस्तयाबशुदा संदिग्धों को पुलिस थाना शिवपुरा लेकर आये और उनसे गहनता से तकनीकी व मनोवैज्ञानिक तरिके से पूछताछ प्रारम्भ की गई. 

पूछताछ में जाउन स्थित बैंक लूट की घटना में प्रकाश जाट व राकेश बिश्नोई द्वारा वारदात स्वीकार करने पर प्रकरण संख्या 151/22 धारा 392 / 34 भादस पुलिस थाना शिवपुरा में गिरफ्तार किया जाकर इसके अलावा बैंक लूट और शराब ठेको के लूट की एक दर्जन से अधिक वारदातों का खुलासा किया गया. जिनसे और भी कई वारदातें खुलने की प्रबल सम्भावना है जिनसे प्रकरण के सम्बन्ध में विस्तृत अनुसंधान जारी है. नोट उक्त वारदातों को सरसब्ज़ करने में गौतम मुख्य आरक्षक 531 साईबर सैल और रमेश बंजारा कानि. 1369 पुलिस थाना ट्रांसपोर्ट नगर पाली की विशेष भूमिका रही.

वारदात करने का तरीका

गठीत टीम द्वारा उक्त प्रकरण में गिरफ्तारशुदा मुलजिमानों से गहनता से पुछताछ के दौरान यह तथ्य सामने आये कि संलिप्त अपराधी अत्यंत ही शातिर प्रवृति के है पुलिस की पकड़ से बचने के लिए सुदूर स्थानों में पर स्थित बैंको को लक्ष्य बनाते थे उस बैंक तक पहुँचने के लिए कैमरों की पकड़ से बचने के लिए कच्चे रास्तों का इस्तेमाल कररते थे. अपनी पहचान छिपाने के लिए सिर पर रूमाल बांधकर टोपी या हेलमेट पहनते थे. वारदात के दौरान उपयोग में लिए गये उपरी वस्त्र रास्ते में ही घटना के बाद फेंक देते थे या बैग में डालकर दुबारा उपयोग में नहीं लेते थे. वारदात के दौरान कभी भी मोबाईल फोन का उपयोग नही करते थे. 

घटना करने के लिए रास्तों व लूट के लिए बैंकों व शराब ठेकों का चिन्हिकरण गूगल मैप से करते थे. घटना में प्रयुक्त वाहन को घटना के बाद सामान्य जीवन के लिए सार्वजनिक स्थल पर कभी भी प्रयोग नही करते थे जाऊन बैंक लूट की वारदात में प्रयुक्त मोटर साईकिल की फोटो सार्वजनिक होने पर स्वयं के बचने के लिए मुलजिमानों द्वारा वाहन को गरेण्डर से छोटे छोटे टुकड़ों में काटकर नष्टीकरण किया गया. अभी तक की पुछताछ में सभी वारदातों में प्रयुक्त वाहन चोरी का होना पाया. 

घटना कारित करने के दौरान गैंग के सभी मुलजिमानों के पास अस्त्र या शस्त्र रहता था जिसके माध्यम से यह ईतना भय पैदा कर देते थे जिससे की कोई भी व्यक्ति इनका प्रतिरोध नहीं करता था. यदि कोई प्रतिरोध कर भी देता तो यह उस पर हमला या हथियार से फायर कर जान से मारने का दुस्साहस भी कर देते थे उक्त गैंग के सदस्य सगे भाई मित्र एवम् पड़ौसी होने के कारण संगठीत थे जिसके कारण इनके द्वारा की गई वारदातों की सूचना आमजनता व पुलिस तक नही पहुँच पाई जिस कारण इनके द्वारा की गई वारदातें 03-04 सालों तक अनट्रेस रही.

अपराध की दुनिया में प्रवेश का कारण

मुलजिम दिनेश पुत्र भुण्डाराम जाति जाट निवासी भावी थाना बिलाड़ा ने पाली में स्थित एक हॉस्टल में रहने के दौरान ऑन लाईन स्टॉक मार्केट में करीब 07-08 लाख रूपये लगाये थे. उक्त रकम वह अपने माता पिता से लेकर आया था स्टॉक मार्केट में उक्त ट्रेडिंग के दौरान वह घाटे में चला गया वही दूसरी तरफ उसके माता पिता द्वारा पूर्व में दी गई रकम वापस मांग ली. दिनेश ने स्टॉक मार्केट में हुए घाटे व माता पिता द्वारा रकम वापस मांगने की बात अपने भाई प्रकाश जाट को बता कर चिंता जाहिर की. इस पर प्रकाश ने अपने पड़ोसी सुरेश मेघवाल व राकेश बिश्नोई के साथ मिलकर शराब ठेकों व बैंको से लूट करने की योजना बनाई. एक बार लूट की वारदात को सफलतापूर्ण अंजाम देने के परिणाम स्वरूप इनका दुस्साहस बढ़ता गया और एक के. बाद एक नियमित अंतराल में लूट की वारदातों को अंजाम देते रहें.

 

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