एक घड़े पानी के लिए पाली के रोहट में जंग लड़ रहे लोग, दृश्य देख सोचने को होंगे मजबूर
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एक घड़े पानी के लिए पाली के रोहट में जंग लड़ रहे लोग, दृश्य देख सोचने को होंगे मजबूर

हालात यह थे कि खुले टांके में टैंकर के पाइप से पानी गिरना शुरू होने के साथ ही टांका के इर्द-गिर्द बड़ी संख्या में महिलाएं, बच्चे, बुजुर्ग डोलियों से रस्सी से पानी खींचकर जो भी बर्तन लाये, उसको भरने में जपट गए. यह नजारा पानी की कीमत बयां कर रही थी तो साथ में जिम्मेदारों की पोल भी खोल रही थी. 

एक घड़े पानी के लिए पाली के रोहट में जंग लड़ रहे लोग, दृश्य देख सोचने को होंगे मजबूर

Pali: रोहट उपखंड के सोनाई लाखा गांव में दिन में 12 बजे के करीब उपखंड मुख्यालय से करीब 15 किलोमीटर दूर जीएलआर के निकट खुले टांके में डालने लिए जलदाय विभाग रोहट से पानी का टैंकर पहुंचा था. 

टैंकर के पहुंचने की आहट के साथ एक घड़े पानी के लिए ग्रामीणों में भागदौड़ सी मच गई. महिलाएं, बच्चे, बुजुर्ग हर कोई जैसे तेसे साथ में लाये बर्तनों में पानी भरने की मशक्कत करते दिखे. 

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हालात यह थे कि खुले टांके में टैंकर के पाइप से पानी गिरना शुरू होने के साथ ही टांका के इर्द-गिर्द बड़ी संख्या में महिलाएं, बच्चे, बुजुर्ग डोलियों से रस्सी से पानी खींचकर जो भी बर्तन लाये, उसको भरने में जपट गए. यह नजारा पानी की कीमत बयां कर रही थी तो साथ में जिम्मेदारों की पोल भी खोल रही थी. 

खुले टांके के इर्द गिर्द बड़ी संख्या में भीड़ में खड़े होकर डोली से पानी खींचने के दौरान धक्का लगने आदि से टांका में गिरने से चोटिल होने और जान जोखिम में आने की संभावना रहती है किन्तु कर भी क्या सकते, प्यास बुझाने के लिए जोखिम तो उठानी पड़ेगी शायद यही सोचकर लोग बड़ी मशक्कत के बीच जैसे-तैसे पानी भरने में लगे रहे. हालात यह है कि इधर टैंकर खाली हो रहा है उधर डोलियों से पानी वापस निकल रहा है टांका का न तो गेज बढ़ता है न ही टैंकर वापस रवाना होने के दौरान पानी बचता है.

सांत ढाणियां रामभरोसे हैं, नहीं है टैंकर व्यवस्था
इन हालातों को लेकर सरपंच महंत किशन भारती महाराज ने बताया कि पाइप लाइन से आपूर्ति लम्बे समय से बंद है. सोनाई लाखा ग्राम पंचायत मुख्यालय पर प्रतिदिन दो टैंकर आते हैं. पहले मवेशियों के लिए अवाला में पानी भरते हैं. बचा हुआ पानी लोगों के लिए दो जगहों पर सार्वजनिक टांकों में खाली करते हैं. टैंकर वापस जाने के कुछ समय बाद ही टांका और अवाला खाली ही रहते हैं. 

सरपंच ने बताया कि सोनाई लाखा की जनसंख्या 4 हजार पांच सौ के करीब और मवेशियों भेड़ बकरियों की संख्या 2 हजार के करीब है. ग्राम पंचायत क्षेत्र के साजी में दो टैंकर प्रतिदिन आते हैं. यहां जनसंख्या 2 हजार से अधिक और 1 हजार से अधिक मवेशी है. सज्जनपुरा में जनसंख्या 1500 के करीब हैं. मवेशी भी 1 हजार के करीब है, यहां 1 टैंकर प्रतिदिन आता है. 

सरपंच ने बताया कि राजपुरा और छापरिया में तीन दिन में एक बार टैंकर आता है. इन‌ गांवों में तालाब सूखे हैं. पीने लायक पानी नहीं है. सोनाई लाखा तालाब परिसर में बेरी और गड्ढों से थोड़ा बहुत पानी दिनभर और रात में भी लोग ले जाते हैं. सरपंच ने बताया कि ग्राम पंचायत क्षेत्र के एक दो किलोमीटर की परिधि में सरगरों, स्वामियों की ढाणी, देवासियों की ढाणी, मेघवालों और मालियों की ढाणी, पटेल और तेलियों की ढाणी, दरगाह क्षेत्र में पानी के लिए न तो पाइप लाइन से आपूर्ति है न ही टैंकर व्यवस्था है. 

मवेशियों को भी हो रही परेशानी
सरपंच ने बताया कि कम से कम सप्ताह में एक दिन टैंकर से पेयजल आपूर्ति के लिए रोहट एसडीएम और जलदाय विभाग के अधिकारियों को लिखित में भी दिया है. सरपंच ने बताया कि पेयजल किल्लत से मवेशियों की मौतें हो रही है बेसहारा मवेशियों के हालात तो ओर भी खराब है न चारा है न ही पानी.

विदित रहे रोहट क्षेत्र में वर्तमान में जगह-जगह पेयजल संकट की स्थिति बनी हुई है. गर्मी बढ़ने के साथ एक एक घड़े पानी के लिए लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. लोग वर्तमान में ऐसी स्थिति देख आने वाले दिनों को लेकर चिंतित है. रोहट कस्बे सहित आसपास के गांवों में पेयजल के लिए कुड़ी हौद से रोहट तक पुरानी पाइप लाइन की मरम्मत के बाद पानी मिलने को लेकर आशंकाएं बनी हुई है. लोगों का जिम्मेदारों के प्रति आक्रोश बढ़ता जा रहा है.

Reporter- सुभाष रोहिसवाल

 

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