बिलावास नदी से हटाए गए पक्के अतिक्रमण, कोर्ट के आदेश के बाद कार्रवाई
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बिलावास नदी से हटाए गए पक्के अतिक्रमण, कोर्ट के आदेश के बाद कार्रवाई

ग्राम बिलावास में नदी किनारे जमीन पर अतिक्रमण कर रखे अतिक्रमणकारियों से प्रशासन ने मुक्त कराया है. पिछले 20 से 30 सालों से पक्के अतिक्रमण को हटाया गया है.

बिलावास नदी से हटाए गए पक्के अतिक्रमण, कोर्ट के आदेश के बाद कार्रवाई

पाली: ग्राम बिलावास में नदी किनारे जमीन पर अतिक्रमण कर रखे अतिक्रमणकारियों से प्रशासन ने मुक्त कराया है. पिछले 20 से 30 सालों से पक्के अतिक्रमण को हटाया गया है. पहले तहसील कार्यालय द्वारा धारा 91 के तहत अतिक्रमण हटाने का प्रयास किया गया, लेकिन इसको लेकर अतिक्रमी सिविल कोर्ट में चले गए, जिससे तहसील कार्यालय को न्यायिक कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी और विगत लगभग तीन चार वर्ष से यह मामला ठंडे बस्ते में ही पड़ा था. इसके बाद यह मामला उच्च न्यायालय पहुंच गया. हाईकोर्ट ने तहसीलदार से रिपोर्ट तलब की. 

न्यायालय ने सार्वजनिक भूमि पर अतिक्रमण पर कठोर रुख अपनाते हुए, तहसीलदार सोजत को सभी सार्वजनिक ख़सरों से चार सप्ताह में अतिक्रमण हटाने हेतु आदेशित किया और 19 अक्टूबर को एक और आदेश जारी करते हुए तहसील प्रशासन से शीघ्र पालना रिपोर्ट पेश करने हेतु निर्देश प्रदान किए. तदनुसार तहसीलदार द्वारा राजस्व टीम बनाई जाकर सभी अतिक्रमणों को चिन्हित किया गया व सभी अतिक्रमियों को नोटिस तामील करवा कर सात दिवस में अतिक्रमण स्वयं हटा लेने हेतु निर्देशित किया गया.

मगर निर्धारित अवधि को पुलिस जाब्ता उपलब्ध नहीं होने से अतिक्रमण नहीं हटाया जा सका. चूंकि अतिक्रमण बहुत वृहद् व पक्का था अतः पुलिस विभाग द्वारा त्वरित कार्यवाही की जाकर सभी अतिक्रमियों को उपखंड मजिस्ट्रेट सोजत के समक्ष पेश कर पाबंद किया गया ताकि अतिक्रमण हटाने के दौरान कानून व्यवस्था प्रबंधन में कतई दिक्कत ना हो.

तत्पश्चात शनिवार को तहसीलदार दीपक सांखला मय रेवन्यू टीम व पुलिस जाब्ता थाना सोजत सिटी को लेकर मौके पर पहुंचे और दो जेसीबी और दस ट्रैक्टर के माध्यम से अतिक्रमण को हटाना प्रारंभ किया. मौके पर अतिक्रमी इतने मुगालते में थे कि नोटिस व पुलिस थाने द्वारा पाबंद किए जाने के बावजूद उन्होंने एक भी कब्जा नहीं हटाया बल्कि विगत दिनों में और भी कब्जे बाबत सामान लाकर मौके पर इक्कठा कर लिया.

तहसीलदार द्वारा कठोर रुख अपनाते हुए संपूर्ण नदी मार्ग को सीलकर, जाब्ता तैनात कर,आवागमन बंद करके अतिक्रमण को ध्वस्त करना प्रारंभ किया गया.तब अतिक्रमियों के हौसले पस्त हो गए और वो दौड़ दौड़ कर अपना सामान समेटने लगे.मगर तब तक काफी देर हो चुकी थी. राजस्व टीम द्वारा मौके पर पड़े संपूर्ण चारे को सीज कर,दिन भर ट्रैक्टर ट्रॉली के माध्यम से बिलावास गौशाला में डलवाया गया.सभी पक्के अतिक्रमण को धूल धूसरित किया गया.कच्चे

पक्के बाड़े,बड़े बड़े मकान,पानी के होद और टीनशेड हटवाए गए.
इसी क्रम में प्राथमिक उपस्वास्थ्य केंद्र हेतु आवंटित भूमि में से अतिक्रमण हटवाया जाकर,चिकित्सा अधिकारी को कब्जा सुपुर्द किया गया.साथ ही साथ अनुसूचित जाति के व्यक्ति अमोलकचंद की भूमि पर से नारायण लाल माली का कब्जा भी तुरंत प्रभाव से हटवाया जाकर धारा 183 बी की पालना करवाई गई.तथा डगरा राम माली का भी रोड क्षेत्र से अतिक्रमण हटाया गया.तहसीलदार दीपक साँखला ने बताया कि शेष रहे अतिक्रमियों को भी नोटिस जारी किए जा रहे हैं और निश्चित समयावधि पश्चात पुनः कार्यवाही की जाकर अवशेष अतिक्रमण हटाये जाएँगे.

इस संपूर्ण कार्रवाई के दौरान सरपंच बिलावास डिंपल सीरवी,ग्राम विकास अधिकारी इमरान व चौकी प्रभारी चंडावल श्री गोपाल का विशेष सहयोग रहा.राजस्व टीम की तरफ से भू अभिलेख निरीक्षक श्यामदास व रूघाराम तथा पटवारी  योगेश पंवार,किशनलाल कुमावत और संजय मेवाडा द्वारा अपने कर्तव्यों को मुस्तैदी से अंजाम दिया गया. ग्रामीणों के एक बड़े वर्ग द्वारा तहसील प्रशासन की कठोर कार्रवाई बाबत खुशी जाहिर की गई.

Reporter- Subhash Rohila

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